पटना: चुनाव अधिकारों से जुड़ी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक देश में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे में से 113.791 करोड़ रुपये या करीब 91 प्रतिशत पांच दलों को मिला है. जेडीयू को सबसे अधिक चंदा (JDU Donation) मिला है. एडीआर की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के समक्ष क्षेत्रीय दलों की ओर से घोषित चंदे पर केंद्रित है. घोषित चंदे के मामले में शीर्ष पांच क्षेत्रीय दल जनता दल यूनाइटेड (JDU), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK), आम आदमी पार्टी (AAP), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) हैं.
ये भी पढ़ें: स्वैच्छिक सहयोग राशि संग्रह अभियान को लेकर JDU में उत्साह, प्रदेश अध्यक्ष बोले- 2024-25 की तैयारी
जेडीयू को सबसे ज्यादा 60.155 करोड़: रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये इन पांचों पार्टियों के खजाने में गया है. जहां जडीयू, द्रमुक और टीआरएस ने अपने चंदे में वृद्धि की घोषणा की है, वहीं आप और आईयूएमएल ने वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चंदे में कमी की जानकारी दी है. द्रमुक, टीआरएस, जेडीयू और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच चंदे से अपनी आय में अधिकतम प्रतिशत वृद्धि देखी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट: रिपोर्ट में शामिल 54 क्षेत्रीय दलों में से केवल छह ने निर्धारित समय अवधि के भीतर निर्वाचन आयोग को अपनी दान रिपोर्ट जमा की. पच्चीस अन्य दलों ने अपनी प्रस्तुति देने में तीन से 164 दिन तक की देरी की. 27 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि 3,051 चंदे से 124.53 करोड़ रुपये थी. इसमें 20,000 रुपये से ज्यादा और कम दोनों रकम शामिल हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए झामुमो, एनडीपीपी, डीएमडीके और आरएलटीपी द्वारा चंदा मिलने की कोई जानकारी नहीं दी गई है.
जेडीयू को सबसे अधिक चंदा: प्राप्त चंदे के मामले में, जद (यू) 330 दान से 60.155 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष स्थान पर है, उसके बाद द्रमुक है जिसे 177 दान से 33.993 करोड़ रुपये मिले हैं. आप ने चंदे से 11.328 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की. आईयूएमएल और टीआरएस ने क्रमशः 4.165 करोड़ रुपये और 4.15 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है.
ये भी पढ़ें: RCP और ललन सिंह की 'लड़ाई' ने बढ़ाई JDU में गुटबाजी, वक्त रहते नहीं संभले तो...