पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. जनता दल यूनाइटेड की ओर से पटना के वेटरनरी कॉलेज मैदान पर 26 नवंबर को भीम संसद का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के दौरान जदयू राजनीतिक दलों को अपनी ताकत का एहसास करना चाहती है. एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
निशाने पर दलित वोट बैंकः संविधान दिवस के मौके पर जनता दल यूनाइटेड की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. 'संविधान बचाओ भाजपा भगाओ' के नारों के साथ नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज करने जा रहे हैं. बता दें कि बिहार में 19% दलित वोट बैंक है. हाल के दिनों में जिस तरीके से नीतीश कुमार ने दलितों के आरक्षण के दायरे को बढ़ाया है उससे जदयू नेता खासे उत्साहित हैं. जातिगत गणना के बाद दलित की आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 20% कर दिया गया है.
"भाजपा ने देश के लोगों को गुमराह किया है. जो वादा किए गए थे उसे केंद्र की सरकार ने पूरा नहीं किया है. दलितों को उसके हक से वंचित किया जा रहा है. तमाम विषय पर हम लोग भाजपा की सरकार को घेरेंगे."- हुलेश मांझी, महासचिव, जनता दल यूनाइटेड
संविधान और लोकतंत्र खतरे मेंः हुलेश मांझी ने कहा कि आज की तारीख में संविधान और लोकतंत्र खतरे में है. संघर्ष को तेज करने के लिए हम लोग भीम संसद का आयोजन कर रहे हैं. एक लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अलावा बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, सुनील कुमार और रत्नेश सदा मौजूद रहेंगे. इसके अलावा नीतीश कैबिनेट के कई अन्य मंत्री भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
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