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रेलवे पर JDU ने भी उठाया सवाल, कहा- लोक कल्याणकारी के तहत काम करे केन्द्र - कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी

कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि जिस तरह से रेलवे लगातार घाटे में चल रही है और उसका निजीकरण किया गया है. उससे देश का एक बड़ा तबका नुकसान झेल रहा है.

JDU and opposition raised questions on railway issue
रेलवे मामले पर विपक्ष के साथ जेडीयू ने भी उठाया सवाल
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Published : Dec 3, 2019, 6:31 PM IST

पटना: पिछले 10 वर्षों से रेलवे घाटे में चल रही है. कैग के रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है कि कैग ने रेलवे में सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और कैंसर रोगियों को मिलने वाले रियायत को खत्म करने की भी बात कही है. कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं बल्कि देश का निजीकरण करने में जुटा हुआ है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर विपक्ष के साथ-साथ उनके सहयोगी भी सवाल उठा रहे हैं.

'रेलवे का किया जा रहा निजीकरण'
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि जिस तरह से रेलवे लगातार घाटे में चल रही है और उसका निजीकरण किया गया है. उससे देश का एक बड़ा तबका नुकसान झेल रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं पूरे देश का निजीकरण करने में लगा हुआ है. जिस तरह से सीनियर सिटीजन, गंभीर रोगी और दिव्यांगों को मिलने वाले रियायत में कटौती की बात कही जा रही है, वह सरासर गलत है. वर्तमान में रेलवे ही नहीं देश के तमाम सरकारी उपक्रम घाटे में जा रहे हैं.

रेलवे मामले पर विपक्ष के साथ जेडीयू ने भी उठाया सवाल

ये भी पढ़ें: राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जदयू और कांग्रेस ने साधा निशाना

केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही जेडीयू
इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है. बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि रेलवे भारत का सबसे बड़ा संस्थान है. उन्होंने बताया कि कैग सदन के पटल पर अपने रिपोर्ट को पेश करती है. उनके द्वारा किये गए अनुशंसा को मानना या नहीं मानना यह सरकार का अधिकार होता है.

लेकिन रेलवे देश की वैसी संस्थान है, जिसमें सबसे अधिक जनता जुड़ी रहती है. सबसे अधिक कर्मचारी रेलवे में काम करते हैं. नीरज कुमार के बयान से साफ झलक रहा है कि रेलवे के हालात पर जदयू केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है.

पटना: पिछले 10 वर्षों से रेलवे घाटे में चल रही है. कैग के रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है कि कैग ने रेलवे में सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और कैंसर रोगियों को मिलने वाले रियायत को खत्म करने की भी बात कही है. कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं बल्कि देश का निजीकरण करने में जुटा हुआ है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर विपक्ष के साथ-साथ उनके सहयोगी भी सवाल उठा रहे हैं.

'रेलवे का किया जा रहा निजीकरण'
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि जिस तरह से रेलवे लगातार घाटे में चल रही है और उसका निजीकरण किया गया है. उससे देश का एक बड़ा तबका नुकसान झेल रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं पूरे देश का निजीकरण करने में लगा हुआ है. जिस तरह से सीनियर सिटीजन, गंभीर रोगी और दिव्यांगों को मिलने वाले रियायत में कटौती की बात कही जा रही है, वह सरासर गलत है. वर्तमान में रेलवे ही नहीं देश के तमाम सरकारी उपक्रम घाटे में जा रहे हैं.

रेलवे मामले पर विपक्ष के साथ जेडीयू ने भी उठाया सवाल

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केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही जेडीयू
इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है. बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि रेलवे भारत का सबसे बड़ा संस्थान है. उन्होंने बताया कि कैग सदन के पटल पर अपने रिपोर्ट को पेश करती है. उनके द्वारा किये गए अनुशंसा को मानना या नहीं मानना यह सरकार का अधिकार होता है.

लेकिन रेलवे देश की वैसी संस्थान है, जिसमें सबसे अधिक जनता जुड़ी रहती है. सबसे अधिक कर्मचारी रेलवे में काम करते हैं. नीरज कुमार के बयान से साफ झलक रहा है कि रेलवे के हालात पर जदयू केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है.

Intro:पिछले 10 वर्षों में रेलवे घाटे में चल रही है। कैग के रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है। प्याज ने रेलवे में सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और कैंसर रोगियों को मिलने वाले रियाज तो को खत्म करने की भी बात कही है। इस मुद्दे पर मोदी की सरकार पर विपक्ष के साथ-साथ उनके सहयोगी भी सवाल उठा रहे हैं।


Body:कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं बल्कि देश का निजीकरण करने में जुटा हुआ है। कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष काका कादरी ने कहा जिस तरह से रेलवे लगातार घाटे में चल रही है और उसका निजी करण किया गया है उससे देश का एक बड़ा तबका नुकसान झेल रहा है।
उन्होंने कहा कि देसी मोदी सरकार रेलवे ही नहीं पूरे देश का निजीकरण करने में लगा हुआ है।
जिस तरह से सीनियर सिटीजन या गंभीर रोगी और दिव्यांगों को मिलने वाले रियायत में कटौती की बात कही जा रही है वह सरासर गलत है। वर्तमान में रेलवे ही नहीं देश के तमाम सरकारी उपक्रम घाटे में जा रहे हैं।


Conclusion:वह इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है। मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि रेलवे भारत का सबसे बड़ा संस्थान है। उन्होंने बताया कि कैग सदन के पटल पर अपने रिपोर्ट को पेश करती है। उनके द्वारा किया गया अनुशंसा को मांगना या नहीं मानना यह सरकार का अधिकार होता है।
लेकिन रेलवे देश की वैसी संस्थान है जिसमें सबसे अधिक जनता जुड़ी रहती है। सबसे अधिक कर्मचारी रेलवे में काम करते हैं।
बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार के बयान से साफ झलक रहा है कि रेलवे के हालात पर जदयू केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है।
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