पटना: पिछले 10 वर्षों से रेलवे घाटे में चल रही है. कैग के रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है कि कैग ने रेलवे में सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और कैंसर रोगियों को मिलने वाले रियायत को खत्म करने की भी बात कही है. कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं बल्कि देश का निजीकरण करने में जुटा हुआ है. इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर विपक्ष के साथ-साथ उनके सहयोगी भी सवाल उठा रहे हैं.
'रेलवे का किया जा रहा निजीकरण'
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि जिस तरह से रेलवे लगातार घाटे में चल रही है और उसका निजीकरण किया गया है. उससे देश का एक बड़ा तबका नुकसान झेल रहा है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार रेलवे ही नहीं पूरे देश का निजीकरण करने में लगा हुआ है. जिस तरह से सीनियर सिटीजन, गंभीर रोगी और दिव्यांगों को मिलने वाले रियायत में कटौती की बात कही जा रही है, वह सरासर गलत है. वर्तमान में रेलवे ही नहीं देश के तमाम सरकारी उपक्रम घाटे में जा रहे हैं.
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केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही जेडीयू
इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू भी केंद्र सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है. बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि रेलवे भारत का सबसे बड़ा संस्थान है. उन्होंने बताया कि कैग सदन के पटल पर अपने रिपोर्ट को पेश करती है. उनके द्वारा किये गए अनुशंसा को मानना या नहीं मानना यह सरकार का अधिकार होता है.
लेकिन रेलवे देश की वैसी संस्थान है, जिसमें सबसे अधिक जनता जुड़ी रहती है. सबसे अधिक कर्मचारी रेलवे में काम करते हैं. नीरज कुमार के बयान से साफ झलक रहा है कि रेलवे के हालात पर जदयू केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है.