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2000 Rupee Note: 'ये सब पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए..', नई नोटबंदी पर पप्पू यादव की टिप्पणी

2000 रुपये के नोट बंद किए जाने के फैसले पर पप्पू यादव ने सवाल उठाया है. उन्होंने पूंजीपति मित्रों को मदद करने का आरोप लगाया है. देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहता है कि काला धन का क्या हुआ. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : May 21, 2023, 7:20 PM IST

जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की टिप्पणी

पटना: बिहार की राजधानी पटना में जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने ₹2000 के नोट को बंद किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला ली है. उन्होंने कहा कि देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहता है कि काला धन का क्या हुआ. जाली नोट का क्या हुआ. आतंकवादी गतिविधि देश में क्यों बढ़ी और देश और दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में भ्रष्टाचार चरम पर क्यों चला गया है.

ये भी पढ़ें: 2000 Rupee Note: नोटबंदी पर CM नीतीश की पार्टी ने किया विरोध, 2016 में किया था समर्थन

भाजपा का गुप्त एजेंडा था नोटबंदी: पप्पू यादव ने कहा कि 2016 में नोटबंदी करना भाजपा का गुप्त एजेंडा था और नोटबंदी के बाद से बेरोजगारी और महंगाई देश में बढ़ी है.₹2000 के नोट को बंद करने के फैसले पर पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिल गेट्स के कहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ₹2000 का नोट बंद करने का फैसला लिया है. क्योंकि बिल गेट्स चाहता है कि भारत के एक ही चीज को डिजिटल कर दिया जाए, ताकि पूरी दुनिया के लोग भारत को अपने कब्जे में ले लें.

"केंद्र की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला ली है. देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहता है कि काला धन का क्या हुआ. जाली नोट का क्या हुआ. आतंकवादी गतिविधि देश में क्यों बढ़ी और देश और दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में भ्रष्टाचार चरम पर क्यों चला गया है" - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो

पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने का फैसला: पप्पू यादव कहा कि 2016 में भी नोटबंदी पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए की गई थी और इस बार भी 2000 का नोट पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला आगामी चुनाव को लेकर लिया गया है, ताकि जो लोग पैसा बैंक में जमा कराने जाएं उनका डाटा निकाल लिया जाए और यदि विपक्षी राजनीतिक दल से संबंधित है तो उन पर जांच एजेंसियां दौड़ा दी जाए.

2000 के नोट बंद करने जरूरी क्यों: पप्पू यादव ने कहा कि नोटबंदी से पहले देश में 16 लाख करोड़ कैश का सरकुलेशन था और नोटबंदी के बाद 32 लाख करोड़ करेंसी का सरकुलेशन हुआ है. ऐसे में फिर 2000 के नोट को बंद करने की आवश्यकता क्यों पड़ गई. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि जो लोग ₹2000 का नोट घर में रखे हैं. वह निकालकर बैंक में जमा कर दें ताकि बैंक से पैसा को लोन के रूप में सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को दे सके. उन्होंने कहा कि वह लोगों से अपील करेंगे कि 'बहुत बदल लिए नोट अब बदल दीजिए सरकार'.

जाप सुप्रीमो पप्पू यादव की टिप्पणी

पटना: बिहार की राजधानी पटना में जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने ₹2000 के नोट को बंद किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला ली है. उन्होंने कहा कि देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहता है कि काला धन का क्या हुआ. जाली नोट का क्या हुआ. आतंकवादी गतिविधि देश में क्यों बढ़ी और देश और दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में भ्रष्टाचार चरम पर क्यों चला गया है.

ये भी पढ़ें: 2000 Rupee Note: नोटबंदी पर CM नीतीश की पार्टी ने किया विरोध, 2016 में किया था समर्थन

भाजपा का गुप्त एजेंडा था नोटबंदी: पप्पू यादव ने कहा कि 2016 में नोटबंदी करना भाजपा का गुप्त एजेंडा था और नोटबंदी के बाद से बेरोजगारी और महंगाई देश में बढ़ी है.₹2000 के नोट को बंद करने के फैसले पर पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिल गेट्स के कहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ₹2000 का नोट बंद करने का फैसला लिया है. क्योंकि बिल गेट्स चाहता है कि भारत के एक ही चीज को डिजिटल कर दिया जाए, ताकि पूरी दुनिया के लोग भारत को अपने कब्जे में ले लें.

"केंद्र की सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला ली है. देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहता है कि काला धन का क्या हुआ. जाली नोट का क्या हुआ. आतंकवादी गतिविधि देश में क्यों बढ़ी और देश और दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में भ्रष्टाचार चरम पर क्यों चला गया है" - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो

पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने का फैसला: पप्पू यादव कहा कि 2016 में भी नोटबंदी पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए की गई थी और इस बार भी 2000 का नोट पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला आगामी चुनाव को लेकर लिया गया है, ताकि जो लोग पैसा बैंक में जमा कराने जाएं उनका डाटा निकाल लिया जाए और यदि विपक्षी राजनीतिक दल से संबंधित है तो उन पर जांच एजेंसियां दौड़ा दी जाए.

2000 के नोट बंद करने जरूरी क्यों: पप्पू यादव ने कहा कि नोटबंदी से पहले देश में 16 लाख करोड़ कैश का सरकुलेशन था और नोटबंदी के बाद 32 लाख करोड़ करेंसी का सरकुलेशन हुआ है. ऐसे में फिर 2000 के नोट को बंद करने की आवश्यकता क्यों पड़ गई. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि जो लोग ₹2000 का नोट घर में रखे हैं. वह निकालकर बैंक में जमा कर दें ताकि बैंक से पैसा को लोन के रूप में सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को दे सके. उन्होंने कहा कि वह लोगों से अपील करेंगे कि 'बहुत बदल लिए नोट अब बदल दीजिए सरकार'.

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