पटना: दिल्ली में आयोजित शराब मुक्त भारत राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने देशभर में शराबबंदी को लेकर वकालत की. इसको लेकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सीएम नीतीश पर हमला बोला है. वहीं, राजनीतिक जानकारों की मानें, तो सीएम नीतीश को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बात करनी चाहिए.
रविवार को दिल्ली पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबंबदी को लेकर अपनी सरकार के सफलता का बखान किया. इस बाबत राजद ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी पूरी तरह असफल है. आज भी प्रदेश के हर गांव में शराब बेची जा रही है. स्थिति इतनी खतरनाक है कि हर घर तक शराब आसानी से पहुंच रही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि शराबबंदी कानून का प्रदेश में मजाक उड़ाया जा रहा है. सत्ता में बैठे लोग ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और शराब बिक्री का काम कर रहे हैं.
जगदानंद सिंह ने कहा कि जब बिहार की जनता अब उनके वादों पर विश्वास नहीं कर रही, तो दिल्ली की जनता कितना विश्वास कर रही होगी. ये समझने वाली बात है. राजद नेता ने आगे कहा कि हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को करारी हार मिली है. वे जितना चाहे नाटक कर लें लेकिन जनता सभी चीजों को बेहतर समझ रही है.
बीजेपी ने किया नीतीश का समर्थन
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश के बयान का समर्थन किया है. पार्टी प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि शराब सेहत के लिए बहुत ही खराब चीज है. सीएम नीतीश कुमार ने बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर जीवन के लिए शराबबंदी लागू करने की बात कही है.
राजनीतिक जानकार की राय
जानकार की मानें, तो नीतीश कुमार को शराबबंदी नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी पर चर्चा करनी चाहिए थी. पूर्व एमएलसी और राजनीतिक जानकार प्रेम कुमार मणि ने कहा कि शराबबंदी बेहतर है. लेकिन हर प्रदेश में शराबबंदी लागू करना एक तरह से नशे की तरह ही है. सरकार को शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है. बेहतर होता कि अगर नीतीश कुमार इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करते हैं. प्रेम कुमार मणि ने यह भी कहा कि जिस तरह से दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक आदर्श स्थापित किया है उसी तरह बिहार में भी काम होना चाहिए.