पटनाः बिहार सरकार की ओर से कैबिनेट में एक दिन पहले ही आईटी पॉलिसी को स्वीकृति दी गई है. आईटी पॉलिसी को लेकर मंगलवार को आईटी विभाग के मंत्री इसराइल मंसूरी ने कहा की बिहार की नई आईटी पॉलिसी देश के दूसरे राज्यों की आईटी पॉलिसी से बेहतर है. नई आईटी पॉलिसी से बिहार में आईटी के सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
वित्तीय प्रोत्साहन दी जा रहीः बिहार सरकार की ओर से लायी गई नई आईटी पॉलिसी में वित्तीय प्रोत्साहन भी दी जा रही है. निवेशकों को पूंजी निवेश सब्सिडी के अंतर्गत 5 करोड़ रुपए के न्यूनतम फिक्स्ड कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर 30% एक मुस्त कैपेक्स सपोर्ट मिलेगा. इसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपए होगी. अथवा ब्याज अनुदान के तहत बैंक और वित्तीय संस्थान द्वारा स्वीकृत परियोजना पर वार्षिक ब्याज दर में 10% तक की छूट 5 वर्षों तक मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 50% या 40 करोड रुपए जो भी कम हो होगी.
वार्षिक लीज किराए की अवधिः आईटी पॉलिसी 2024 में लीज रेंटल सब्सिडी के तहत लीज पर लिए गए कार्यालय अथवा व्यवसायिक स्थल से संचालित होने वाले आईटी, आईटी ईएस, ई इसडीएम इकाइयों को वार्षिक लीज किराए की राशि का 50% 5 वर्षों तक भुगतान की जाएगी.
आईटी क्षेत्र का होगा विस्तारः इसके अलावा रोजगार सृजन सब्सिडी के तहत नियोक्ता के ईपीएफ एवं ईएसआई में जमा की गई राशि की 100% प्रतिपूर्ति 5 वर्षों तक की जाएगी. इसकी अधिकतम सीमा ₹5000 प्रति कर्मचारी प्रतिमाह होगी. आईटी पार्क के लिए गर्दनीबाग में सरकार की ओर से जमीन की भी व्यवस्था की गई है. आईटी मिनिस्टर का दावा है कि बिहार में नई पॉलिसी आईटी क्षेत्र को बिहार में बढ़ाने में मददगार होगा.
"कल की कैबिनेट में बिहार में आईटी पॉलिसी 2024 लायी गई है. यह पॉलिसी देश के कई राज्यों से बेहतर है. हमारे विभाग के अधिकारियों ने बिहार को एक अच्छी पॉलिसी दी है. इससे करोड़ों रुपए का निवेश होगा. बिहार के बाहर काम करने वाले या बेरोजगार आईटी वाले युवाओं के लिए रोजगार सृजन होगा. सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में लगातार बिहार में काम हो रहे हैं." -इसराइल मंसूरी, आईटी मिनिस्टर
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