पटना: राजद नेता रामचंद्र पूर्वे ने ध्यानाकर्षण के दौरान पूछा कि पटना विश्वविद्यालय में 797 स्वीकृत शिक्षक पदों के विरुद्ध महज 256 शिक्षक काम कर रहे हैं. जबकि हिस्ट्री डिपार्टमेंट में महज 1 शिक्षक कार्यरत हैं. ऐसे में पटना विश्वविद्यालय में हो रही पढ़ाई पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. नैक ग्रेडिंग में भी पटना विश्वविद्यालय की ग्रेडिंग खराब है. सरकार आखिर क्यों पटना विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए काम नहीं कर रही.
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शिक्षकों की बहाली का मुद्दा उठा
इसके जवाब में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नैक ग्रेडिंग में सुधार के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि नैक ग्रेडिंग खराब होने से विश्वविद्यालय की मान्यता या किसी कोर्स की मान्यता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता और ना ही इससे कोई खतरा हो सकता है.
''सरकार अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही है. शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है, इससे विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी भी दूर हो जाएगी''- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री
''यूजीसी से मान्यता नहीं होने पर कॉलेज के कोर्स की मान्यता नहीं रहेगी. इसलिए सरकार को सदन में गलत बयानबाजी नहीं करना चाहिए. शिक्षकों की कमी को लेकर सरकार को सदन में यह बताना चाहिए कि आखिर शिक्षकों की कमी कब दूर होगी''- रामबली सिंह, राजद एमएलसी
इधर भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने एक तरह से स्वीकार किया कि पटना विश्वविद्यालय में परेशानियां हैं लेकिन उन्होंने कहा कि यूजीसी को लेकर जिस तरह के बयान विपक्ष दे रहा है वह कहीं से सही नहीं है.
''विश्वविद्यालय की मान्यता पर कहीं कोई असर नहीं पड़ने वाला. लेकिन अगर पटना विश्वविद्यालय की बेहतरी विपक्ष चाहता है, तो एक प्रस्ताव लेकर आए और सब मिलकर प्रयास करें, ताकि विश्वविद्यालय की स्थिति सुधर सके''- नवल किशोर यादव, भाजपा एमएलसी