पटना: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर लगातार पुलिसिया कार्रवाई जारी है. निर्दलीय विधायक को कभी भी पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. वहीं, अनंत सिंह के आपराधिक रसूख पर हुई कार्रवाई में एक और बड़ा राज खुलकर सामने आ रहा है. ये राज 2009 के पूर्व सीनियर आईपीएस के पत्र से जुड़ा है.
बीते शुक्रवार को अनंत सिंह के घर से एके-47 और बम जैसे अनेकों सामान बरामद किये गए हैं. वहीं, अनंत सिंह पर हो रही कार्रवाई को लेकर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष लगातार ये सवाल उठा रहा है कि जब अनंत सिंह सत्ता पक्ष के साथ थे, तब उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी. अब ये कार्रवाई क्यों हो रही है. इसी बाबत एक बड़ा खुलासा हुआ है.
![ips-written-letter-in-2009-that-anant-singh-has-weapons](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4161238_thu.jpg)
आईपीएस ने की थी कार्रवाई की मांग
ईटीवी भारत के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है कि 2009 को अनंत सिंह के खिलाफ तत्कालीन एसपी अमिताभ कुमार दास में निर्वाचन आयोग और पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर बताया था कि माननीय विधायक श्री अनंत सिंह ने अपने गांव लदमा में आधुनिक हथियारों का बड़ा जखीरा इकट्ठा किया हुआ है. इन हथियारों में एके-47, एके-56, लाइट मशीनगन जैसे हथियार भी हैं. लेकिन इस पत्र को मुख्यालय ने गंभीरता से नहीं लिया था.
पत्र के अंतिम में मुख्यालय को इस बात से भी अवगत कराया गया था कि इन हथियारों के जरिए माननीय विधायक जी आगामी विधानसभा चुनाव में तबाही मचा सकते हैं. इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई.
हम ने सरकार से पूछा सवाल
अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हम प्रवक्ता मसूद रजा ने कहा कि अनंत सिंह जब तक जदयू में थे, तब उनके खिलाफ आईपीएस के लिखे पत्र के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. लेकिन जैसे वो महागठबंधन में आए. उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी. सरकार दुर्भावना से प्रेरित होकर काम कर रही है.
बीजेपी की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले में बीजेपी प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा कि केस और कैंसर तभी किसी पर अटैक करता है, जब आदमी कमजोर हो जाता है. अब समय आया तो उनपर कार्रवाई की गई है. सरकार और प्रशासन अपने स्तर से कार्रवाई करता है.