पटना: बिहार में मद्य निषेध निबंधन विभाग (Excise Department in Bihar) ने 01 अप्रैल 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक के हुए राजस्व प्राप्ति की जानकारी दी है. विभाग के आयुक्त कार्तिके धनजी ने बताया है कि 5,500 रुपय की राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य के विरुद्ध विभाग ने 4761.05 रुपये के राजस्व प्राप्त होने की बाते कही है. मद्य निषेध विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने संवाददाता सम्मलेन में विभागीय जानकारी देते हुए यह बताया कि अवैध शराब के विरुद्ध 31,680 स्थानों पर छापेमारी की गई. जिसमें मध निषेध विभाग के द्वारा 14,270 और पुलिस विभाग के द्वारा 17410 छापेमारी को अंजाम दिया गया. इस पूरे मामले में 450.2 उत्पाद अभियोग भी दर्ज किए गए है. कुल 1359 रिपीट ऑफइंडर्स को पकड़ा गया है तो वहीं अवैध स्प्रिट या होम्योपैथ की दवा स्टॉक करने वाले दुकानों की जांच की जा रही है.
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शराब तस्करों पर कार्रवाई: मद्य निषेध विभाग के आयुक्त कार्तिके धनजी ने बताया कि पिछले वर्ष मसरख में हुए घटना के बाद बिहार में नए साल में अवैध स्प्रिट और देसी चुलाई शराब या विदेशी शराब को बॉर्डर तक आने के लिए रोकने का बेहतर प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में बॉर्डर इलाको के कुल 80 पोस्ट पर हर दिन करीब 10 हजार गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. साथ ही विभाग लगातार अन्य संसाधनों से शराब माफियाओं पर नकेल कसने की कार्रवाई कर रहा है.
"पिछले वर्ष मसरख में हुए घटना के बाद बिहार में नए साल में अवैध स्प्रिट और देसी चुलाई शराब या विदेशी शराब को बॉर्डर तक आने के लिए रोकने का बेहतर प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में बॉर्डर इलाको के कुल 80 पोस्ट पर हर दिन करीब 10 हजार गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है. साथ ही विभाग लगातार अन्य संसाधनों से शराब माफियाओं पर नकेल कसने की कार्रवाई कर रहा है." -बी कार्तिकेय धनजी, मद्य निषेध आयुक्त
मद्य निषेध विभाग की छापेमारी: छपरा जहरीली शराब मामले में राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर साहब का नाम सामने आया था. मसरख कांड में वितरित किये गए शराब में उपयोग किए जाने वाले होम्योपैथ और स्प्रिट मामलों को गंभीरता से लेते हुए सभी मिनी फैक्ट्री पर विभाग के अधिकारियों के द्वारा विजिट और इंस्पेक्शन शुरू किया गया है. जल्द ही जिला स्तरीय अधिकारियों और मद्य निषेध के पदाधिकारियों के द्वारा आपस में संबंध स्थापित कर इन सभी सामानों का अवैध स्टॉक करने वाले दुकानों की जांच की जाएगी.
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