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बिहार में 'बाढ़ प्रबंधन, सिंचाई में सुधार' के लिए अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में मिले सुझावों पर होगा विचार : संजय झा - Bihar government

बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई में सुधार की संभावनाओं पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ. राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि विशेषज्ञों के मिले सुझावों पर विभाग विचार करेगा. जल संसाधन विभाग के वरीय अभियंताओं की एक टीम इन सुझावों पर गंभीरता से विचार-विमर्श कर तय करेगी कि उत्तर और दक्षिण बिहार के परिपेक्ष्य में किन-किन सुझावों पर कैसे अमल करना है

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Published : Aug 7, 2021, 10:42 PM IST

पटना: बिहार में बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई में सुधार (Improve Flood Management and Irrigation) की संभावनाओं पर जल संसाधन विभाग, बिहार द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार शनिवार को संपन्न हुआ. वेबिनार के दूसरे दिन बांग्लादेश, इजरायल, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड के अलावा भारत से आईआईटी, दिल्ली, जैन एरिगेशन सिस्टम लिमिटेड, महाराष्ट्र और एनआईटी, पटना तथा गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के विशेषज्ञों ने अपना शोधपत्र तथा सुझावों का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत कर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

ये भी पढ़ें: कुछ इस तरह से ललन सिंह ने पटना में नीतीश कुमार के घर जाकर लिया 'आशीर्वाद'

राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Water Resources Minister Sanjay Kumar Jha) ने कहा कि विशेषज्ञों के मिले सुझावों पर विभाग विचार करेगा. झा ने कहा, बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने और हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निश्चय को लेकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इसमें बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने तथा सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के संबंध में देश-दुनिया के विशेषज्ञों से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं.

उन्होंने कहा, अब जल संसाधन विभाग के वरीय अभियंताओं की एक टीम इन सुझावों पर गंभीरता से विचार-विमर्श कर तय करेगी कि उत्तर और दक्षिण बिहार के परिपेक्ष्य में किन-किन सुझावों पर कैसे अमल करना है.

वेबिनार के दूसरे दिन बांग्लादेश से वाटर डेवलपमेंट बोर्ड के एडीजी डॉ. मोहम्मद मिजानुर रहमान, नीदरलैंड से डॉ. संजय गिरी और डॉ. एलिजावेथ, दक्षिण कोरिया से डॉ. एसके सिंह, इजराइल से डॉ. संगीता लाधा के अलावा आईआईटी दिल्ली के प्रो. ए के केसरी, एनआईटी पटना के डॉ. रमाकर झा, जैन इरिगेशन सिस्टम्स, महाराष्ट्र के दिलीप येवालेकर सहित कई लोगों ने अपना शोधपत्र व सुझावों का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया.

विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने सुझावों में नदी मार्ग को गहरा करने, नदियों के अधिशेष जल को नई धार बना कर पास की दूसरी नदी में स्थानांतरित करने, स्वच्छ जलमार्गों का निर्माण कराने, विभिन्न तटबंधों के बीच छूटे गैप को बंद करने, गाद के बेहतर प्रबंधन एवं उपयोग, बड़े जलाशयों का निर्माण कराने सहित कई विषयों के बारे में चर्चा की.

विभाग के सचिव संजीव हंस ने कहा कि जल संसाधन विभाग की टीमें राज्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करने तथा हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए तत्परता से काम कर रही हैं. इस दिशा में देश-दुनिया के विशेषज्ञों से मिले महत्वपूर्ण सुझावों को अमल में लाने के तरीकों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

अंत में विभाग के इंजीनियर इन चीफ (हेडक्वार्टर) रविंद्र कुमार शंकर ने वेबिनार की सफलता के लिए इसमें शामिल हुए सभी विशेषज्ञों और इसे संचालित करने में जुटी टीम का धन्यवाद किया.

पटना: बिहार में बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई में सुधार (Improve Flood Management and Irrigation) की संभावनाओं पर जल संसाधन विभाग, बिहार द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार शनिवार को संपन्न हुआ. वेबिनार के दूसरे दिन बांग्लादेश, इजरायल, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड के अलावा भारत से आईआईटी, दिल्ली, जैन एरिगेशन सिस्टम लिमिटेड, महाराष्ट्र और एनआईटी, पटना तथा गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के विशेषज्ञों ने अपना शोधपत्र तथा सुझावों का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत कर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

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राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Water Resources Minister Sanjay Kumar Jha) ने कहा कि विशेषज्ञों के मिले सुझावों पर विभाग विचार करेगा. झा ने कहा, बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने और हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निश्चय को लेकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. इसमें बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने तथा सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के संबंध में देश-दुनिया के विशेषज्ञों से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं.

उन्होंने कहा, अब जल संसाधन विभाग के वरीय अभियंताओं की एक टीम इन सुझावों पर गंभीरता से विचार-विमर्श कर तय करेगी कि उत्तर और दक्षिण बिहार के परिपेक्ष्य में किन-किन सुझावों पर कैसे अमल करना है.

वेबिनार के दूसरे दिन बांग्लादेश से वाटर डेवलपमेंट बोर्ड के एडीजी डॉ. मोहम्मद मिजानुर रहमान, नीदरलैंड से डॉ. संजय गिरी और डॉ. एलिजावेथ, दक्षिण कोरिया से डॉ. एसके सिंह, इजराइल से डॉ. संगीता लाधा के अलावा आईआईटी दिल्ली के प्रो. ए के केसरी, एनआईटी पटना के डॉ. रमाकर झा, जैन इरिगेशन सिस्टम्स, महाराष्ट्र के दिलीप येवालेकर सहित कई लोगों ने अपना शोधपत्र व सुझावों का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया.

विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने सुझावों में नदी मार्ग को गहरा करने, नदियों के अधिशेष जल को नई धार बना कर पास की दूसरी नदी में स्थानांतरित करने, स्वच्छ जलमार्गों का निर्माण कराने, विभिन्न तटबंधों के बीच छूटे गैप को बंद करने, गाद के बेहतर प्रबंधन एवं उपयोग, बड़े जलाशयों का निर्माण कराने सहित कई विषयों के बारे में चर्चा की.

विभाग के सचिव संजीव हंस ने कहा कि जल संसाधन विभाग की टीमें राज्य में बाढ़ के प्रभाव को कम करने तथा हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए तत्परता से काम कर रही हैं. इस दिशा में देश-दुनिया के विशेषज्ञों से मिले महत्वपूर्ण सुझावों को अमल में लाने के तरीकों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

अंत में विभाग के इंजीनियर इन चीफ (हेडक्वार्टर) रविंद्र कुमार शंकर ने वेबिनार की सफलता के लिए इसमें शामिल हुए सभी विशेषज्ञों और इसे संचालित करने में जुटी टीम का धन्यवाद किया.

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