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Pitru Paksh Mela 2023: अंतरराष्ट्रीय पुनपुन पितृपक्ष मेला का समापन, बेहतर कार्य करने वाले पदाधिकारी सम्मानित

अंतरराष्ट्रीय पुनपुन पितृपक्ष मेला का 14 अक्टूबर को समापन किया गया. इस बार 1 लाख 20 हजार पिंडदानियों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड का तर्पण किया. पितृपक्ष मेला के समापन कार्यक्रम के दौरान बेहतर काम करने वाले पुलिस पदाधिकारियों, दंडाधिकारियों और समाजसेवियों को अनुमंडल प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया.

अंतरराष्ट्रीय पुनपुन पितृपक्ष मेला का समापन
अंतरराष्ट्रीय पुनपुन पितृपक्ष मेला का समापन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 14, 2023, 9:54 PM IST

पटना: 28 सितंबर से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय पुनपुन पितृपक्ष मेला का 14 अक्टूबर (शनिवार) को समापन किया गया. इस बार 1 लाख 20 हजार पिंडदानियों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड का तर्पण किया. 17 दिनों तक चलने वाले इस मेले में पिंडदानियों की बेहतर सुविधा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा तमाम तरह की तैयारियों को दुरुस्त किया गया था.

ये भी पढ़े: Pitru Paksha 2023: जर्मनी से गया पहुंची 11 महिलाएं, फल्गु नदी के किनारे पूर्वजों का किया तर्पण, बोलीं- यहां आकर शांति मिली

मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़: जिला प्रशासन द्वारा हर साल पुनपुन घाट पर पितृपक्ष मेले का आयोजन किया जाता है, जहां पर देश-विदेश से हजारों-लाखों की संख्या में पिंडदानी पिंड का तर्पण करने आते हैं. इस बार 1 लाख 20 हजार पिंडदानियों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अपने पिंडो का तर्पण किया. पिंडदानियों की सुरक्षा को लेकर 44 दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए थे वहीं 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी.

बेहतर कार्य करने वाले सम्मानित: पितृपक्ष मेला के समापन कार्यक्रम के दौरान बेहतर काम करने वाले पुलिस पदाधिकारियों, दंडाधिकारियों और समाजसेवियों को अनुमंडल प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया. सम्मानित किए गए पदाधिकारियों में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, वरीय उपसमाहर्ता, सीडीपीओ, सभी महिला पर्यवेक्षक, दंडाधिकारी, थानाध्यक्ष समेत कई लोगों को सम्मानित किया गया.

"इस बार जिला प्रशासन की तरफ से पिंडदानियों के लिए जो भी सुविधा बहाल की गई है अगली बार उसे और अधिक बेहतर करने की कोशिश की जाएगी. पुनपुन की महत्ता जो हमारे वेदों और पुराणों में लिखी गई है इसकी ख्याति को और भी बढ़ाने को लेकर पर्यटन विभाग से बात की जाएगी. साथ ही पुनपुन की महत्ता को देखते हुए इसे और भी जन जागरण करने की आवश्यकता है"- प्रीति कुमारी, एसडीएम

पटना: 28 सितंबर से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय पुनपुन पितृपक्ष मेला का 14 अक्टूबर (शनिवार) को समापन किया गया. इस बार 1 लाख 20 हजार पिंडदानियों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंड का तर्पण किया. 17 दिनों तक चलने वाले इस मेले में पिंडदानियों की बेहतर सुविधा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा तमाम तरह की तैयारियों को दुरुस्त किया गया था.

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मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़: जिला प्रशासन द्वारा हर साल पुनपुन घाट पर पितृपक्ष मेले का आयोजन किया जाता है, जहां पर देश-विदेश से हजारों-लाखों की संख्या में पिंडदानी पिंड का तर्पण करने आते हैं. इस बार 1 लाख 20 हजार पिंडदानियों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अपने पिंडो का तर्पण किया. पिंडदानियों की सुरक्षा को लेकर 44 दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए थे वहीं 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी.

बेहतर कार्य करने वाले सम्मानित: पितृपक्ष मेला के समापन कार्यक्रम के दौरान बेहतर काम करने वाले पुलिस पदाधिकारियों, दंडाधिकारियों और समाजसेवियों को अनुमंडल प्रशासन की ओर से सम्मानित किया गया. सम्मानित किए गए पदाधिकारियों में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, वरीय उपसमाहर्ता, सीडीपीओ, सभी महिला पर्यवेक्षक, दंडाधिकारी, थानाध्यक्ष समेत कई लोगों को सम्मानित किया गया.

"इस बार जिला प्रशासन की तरफ से पिंडदानियों के लिए जो भी सुविधा बहाल की गई है अगली बार उसे और अधिक बेहतर करने की कोशिश की जाएगी. पुनपुन की महत्ता जो हमारे वेदों और पुराणों में लिखी गई है इसकी ख्याति को और भी बढ़ाने को लेकर पर्यटन विभाग से बात की जाएगी. साथ ही पुनपुन की महत्ता को देखते हुए इसे और भी जन जागरण करने की आवश्यकता है"- प्रीति कुमारी, एसडीएम

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