पटनाः पटना हाइकोर्ट ने राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देते हुए फिलहाल रोक लगा दी है. इस पर सियासत तेज है. भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर है. वहीं महागठबंधन के नेता जातीय जनगणना के पक्ष में अपने तर्क रख रहे हैं. इन सबके बीच रालोजद के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी जातीय गणना पर रोक लगाने के कोर्ट के आदेश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. बता दें कि इन दिनों रालोजद की नजदीकी भाजपा के साथ बतायी जा रही है.
इसे भी पढ़ेंः उपेंद्र कुशवाहा ने सुशील मोदी को दी सलाह- 'हाय तौबा मचाने की जरूरत नहीं, बिहार सरकार कराएगी जातीय गणना'
"नीतीश कुमार की बिहार में रुचि नहीं है. राज्य सरकार पूरी तरह से दोषी है. सरकार की लापरवाही है. नीतीश कुमार ने काम में रुचि लेना छोड़ दिया है. सरकार की जवाबदेही थी कि कोर्ट को बताती, राज्य सरकार कोर्ट को समझा सकती थी. बिहार सरकार को हमारी सलाह है कि तुरंत सुप्रीम कोर्ट में अपील करें. बेहतर वकील का साथ लें"- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोजद
हाईकोर्ट का यह दुर्भाग्यपूर्णः उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि हाईकोर्ट का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि राज्य में जातीय गणना की जरूरत महसूस हो रही थी. आंकड़े की जरूरत है. आंकड़े नहीं होने से सरकार की योजना सही तरीके से नहीं चल पाती है. उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना की जरूरत बताने के बाद राज्य सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष ठीक से नहीं रखा.
सरकार का सुस्त रवैयाः उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि कोर्ट में पूरी तैयारी से अपना तर्क रखती. लेकिन, सरकार ने सुस्त रवैया अपनाया. इस फैसले में कोर्ट में सरकार की सुस्ती दिख रही है. पहले भी राज्य सरकार सुस्त रही है. नरसंहार के मामले में भी देखा गया था. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने जो रोक लगायी है उसके लिए सरकार पूरी तरह दोषी है. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा जब जदयू में थे उस वक्त भी जातीय गणना की हिमायत कर रहे थे.
क्या है मामलाः बिहार में जातीय जनगणना पर रोक हाईकोर्ट ने रोक लगा (Patna High Court stay on Caste based census) दी है. गुरुवार को हाईकोर्ट ने इस पर तत्काल रोक लगाते हुए इसके डाटा को शेयर नहीं करने की बात कही है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब तीन जुलाई को होगी. पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को ही इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी. इस पर फैसला सुरक्षित रखा गया था.