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माननीयों को उचित सम्मान मिले, इसके लिए मुख्य सचिव ने फिर लिखा अपने अधिकारियों को पत्र

बिहार में अफसरशाही के आरोपों के बीच मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Chief Secretary Tripurari Sharan) ने पत्र लिखकर अधिकारियों को संसद सदस्यों और विधानमंडल के सदस्यों को उचित सम्मान देने का सख्त आदेश दिया है. उन्होंने पहले दिए गए निर्देशों का उल्लेख करते हुए कि तमाम निर्देशों के बावजूद कई मामलों में पालन नहीं होता है, जो कि गलत है. पढ़ें यह खबर.

Tripurari Sharan
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Published : Aug 25, 2021, 11:01 PM IST

पटना: मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Chief Secretary Tripurari Sharan) ने राजकीय शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में सांसद और विधानमंडल के माननीय सदस्यों को आमंत्रित किए जाने के संबंध में एक बार फिर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक, सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी जिला अधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें पहले दिए गए निर्देशों का भी उल्लेख किया है.

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मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने अपने पत्र में पहले दिए गए निर्देशों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा है कि इन निर्देशों के बावजूद अभी सम्मान नहीं दिए जाने की शिकायत मिल रही है. मुख्य सचिव ने माननीय सदस्यों को सम्मान मिले, इसके लिए निर्देशों के अनुपालन करने का सख्त आदेश दिया है.

पत्र में उन्होंने कहा है कि जनप्रतिनिधि होने के कारण सांसदों और राज्य विधानमंडल के सदस्यों का लोकतांत्रिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है. सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प ज्ञापांक 8841, 20--6- 2012 द्वारा सांसदों, विधान मंडल सदस्यों के साथ शिष्टता पूर्ण एवं सम्मानजनक व्यवहार करने तथा राज्य में आयोजित राजकीय समारोह और बैठकों में संसद और विधानमंडल के सदस्यों का स्थान आरक्षित रखने और सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक 16593, 28- 12- 2017 द्वारा सांसदों, विधान मंडल सदस्यों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं का सम्मानजनक समाधान किए जाने के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शन निर्गत किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मिले शाहनवाज हुसैन, बिहार में टेक्सटाइल पार्क बनाने की मांग की

मुख्य सचिव ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक 1215, दिनांक 25 -1- 2018 द्वारा भी राज्य में आयोजित राजकीय समारोह माननीय मुख्यमंत्री या अन्य महानुभाव के द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसदों और विधानमंडल सदस्यों को निश्चित रूप से आमंत्रित किए जाने और उनके लिए सम्मानजनक स्थान आरक्षित किए जाने के लिए निर्देश मिले हुए हैं.

पत्र के जरिए मुख्य सचिव ने कहा है कि संसदीय कार्य विभाग द्वारा दिनांक 27 -7-2021 द्वारा प्रशासन एवं सांसद तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों के बीच सरकारी कार्य व्यवहार में उचित प्रक्रियाओं के अनुपालन के संबंध में भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा निर्गत दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है, लेकिन कई मामलों में यह देखा गया है कि राज्य में आयोजित राजकीय समारोह माननीय मुख्यमंत्री या अन्य महानुभाव के द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसदों एवं विधान मंडल सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया. साथ ही उन्हें सम्मानजनक स्थान भी नहीं दिया गया है.

ऐसे में निर्देश दिया जाता है कि राज्य में आयोजित राजकीय समारोह माननीय मुख्यमंत्री या अन्य महानुभाव के द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसद और विधान मंडल के सदस्यों को भी निश्चित रूप से आमंत्रित किया जाना है. उनके लिए सम्मान जनक स्थान आरक्षित किया जाना है. उसे अपने अधीनस्थ कार्यालयों के पदाधिकारियों कर्मियों को अवगत कराते हुए इसका दृढ़ता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.

पटना: मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Chief Secretary Tripurari Sharan) ने राजकीय शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में सांसद और विधानमंडल के माननीय सदस्यों को आमंत्रित किए जाने के संबंध में एक बार फिर से सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक, सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी जिला अधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें पहले दिए गए निर्देशों का भी उल्लेख किया है.

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मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने अपने पत्र में पहले दिए गए निर्देशों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा है कि इन निर्देशों के बावजूद अभी सम्मान नहीं दिए जाने की शिकायत मिल रही है. मुख्य सचिव ने माननीय सदस्यों को सम्मान मिले, इसके लिए निर्देशों के अनुपालन करने का सख्त आदेश दिया है.

पत्र में उन्होंने कहा है कि जनप्रतिनिधि होने के कारण सांसदों और राज्य विधानमंडल के सदस्यों का लोकतांत्रिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है. सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प ज्ञापांक 8841, 20--6- 2012 द्वारा सांसदों, विधान मंडल सदस्यों के साथ शिष्टता पूर्ण एवं सम्मानजनक व्यवहार करने तथा राज्य में आयोजित राजकीय समारोह और बैठकों में संसद और विधानमंडल के सदस्यों का स्थान आरक्षित रखने और सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक 16593, 28- 12- 2017 द्वारा सांसदों, विधान मंडल सदस्यों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं का सम्मानजनक समाधान किए जाने के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शन निर्गत किए गए हैं.

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मुख्य सचिव ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक 1215, दिनांक 25 -1- 2018 द्वारा भी राज्य में आयोजित राजकीय समारोह माननीय मुख्यमंत्री या अन्य महानुभाव के द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसदों और विधानमंडल सदस्यों को निश्चित रूप से आमंत्रित किए जाने और उनके लिए सम्मानजनक स्थान आरक्षित किए जाने के लिए निर्देश मिले हुए हैं.

पत्र के जरिए मुख्य सचिव ने कहा है कि संसदीय कार्य विभाग द्वारा दिनांक 27 -7-2021 द्वारा प्रशासन एवं सांसद तथा राज्य विधान मंडल के सदस्यों के बीच सरकारी कार्य व्यवहार में उचित प्रक्रियाओं के अनुपालन के संबंध में भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा निर्गत दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है, लेकिन कई मामलों में यह देखा गया है कि राज्य में आयोजित राजकीय समारोह माननीय मुख्यमंत्री या अन्य महानुभाव के द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसदों एवं विधान मंडल सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया. साथ ही उन्हें सम्मानजनक स्थान भी नहीं दिया गया है.

ऐसे में निर्देश दिया जाता है कि राज्य में आयोजित राजकीय समारोह माननीय मुख्यमंत्री या अन्य महानुभाव के द्वारा किए जाने वाले शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसद और विधान मंडल के सदस्यों को भी निश्चित रूप से आमंत्रित किया जाना है. उनके लिए सम्मान जनक स्थान आरक्षित किया जाना है. उसे अपने अधीनस्थ कार्यालयों के पदाधिकारियों कर्मियों को अवगत कराते हुए इसका दृढ़ता से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.

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