पटनाः जिले के धनरूआ थाना में अंचलाधिकारी के जनता दरबार में भूमि विवाद से जुडे़ मामलों में फरियादियों का विश्वास बढ़ा है. कोर्ट जाने की बजाय फरियादी अंचलाधिकारी के जनता दरबार में पहुंच रहे हैं. अनुमंडल में धनरूआ जनता दरबार चर्चा कि विषय बन गया है.
जनता दरबार में कोरोना प्रोटोकाल का होता है पालन
लॉकडाउन और अनलॉक प्रक्रिया के बाद सामान्य जीवन पटरी पर लौट रहा है. कोरोना प्रोटोकाल के तहत एहतियात बरतते हुए प्रत्येक शनिवार को लगने वाला जनता दरबार एक फिर से शुरू कर दिया गया है. जमीन विवाद से जुडे़ मामलों में बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार ने अब इन विवादों की जिम्मेदारी अंचलाधिकारीयों को दे दिया है. जो प्रत्येक शनिवार को सभी काम काज छोड़कर थानाध्यक्ष के साथ बैठकर पूरे दिन फरियादियों की समस्याओं का निदान करेंगे.
ऐसे में धनरूआ में अंचलाधिकारी के जनता दरबार में फरियादियों का विश्वास बढ़ता हुआ दिख रहा है. पहले शिकायतकर्ता जमीन के मामले में कोर्ट का रुख अख्तियार करते थे, वहीं अब अंचलाधिकारी के जनता दरबार मे पहुंच रहे हैं. मामले भी संतोषजनक निष्पादित हो रहे हैं. ऐसे में मसौढ़ी अनुमंडल के धनरूआ का जनता दरबार चर्चा का विषय बन चुका है. जहां भूमि विवाद के मामलों का निष्पादन हो रहा है और फरियादी भी संतुष्ट दिख रहे हैं.
एक साल में रैयती जमीन के 80 मामलों का निष्पादन किया गया
धनरूआ अंचलाधिकारी की माने तो धनरूआ मे 20 पंचायत हैं. जहां ज्यादातर रैयती जमीन के मामले आते है. जिसमें सीमा क्षेत्र का विवाद आपसी बटवारे के विवाद और खेतिहर भूमि के विवाद आते रहते है. जिसमें थानाध्यक्ष के साथ दोनों पक्षों को बुलाकर मामले को गंभीरता से दोनों पक्षो के बीच सुलह कराया जाता है. साथ ही तत्काल कागजी प्रक्रिया भी पूरी की जाती है. पूरे एक वर्ष में अब तक 70 से 80 मामलों का निष्पादन हो चुका है. जबकी तीस भूमि विवाद से जुडे़ मामलों की जांच प्रक्रिया चल रही है जांच प्रक्रिया के बाद उन मामलों का निष्पादित किया जाएगा. बहरहाल धनरुआ अंचलाधिकारी के जनता दरबार में इन दिनों फरियादियों का विश्वास लगातार बढ़ता दिख रहा है.