पटनाः कोरोना की दूसरी लहर (Covid-19 Second Wave) के दौरान जब अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग (Demand Of Oxygen) अचानक बढ़ गई थी, तब उद्योगपतियों ने इस ओर अपना कदम बढ़ाया था. लोगों की जान बचाने के लिए कारखानों में उपयोग होने वाले ऑक्सीजन अस्पतालों में भेज दिए गए. इसका सीधा असर उद्योग और रोजगार पर पड़ा था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद उद्योग भी पटरी पर लौटने लगा है.
इसे भी पढ़ेंः बिहार में खोखला निकला सरकार का वादा, अब तक नहीं लगा एक भी ऑक्सीजन प्लांट
"सरकार ने 2 जून से लॉकडाउन में जब से रियायत दी है, उसके बाद से उद्योग फिर से शुरू होने और दुकानें खुलने से राहत मिली है. 75 फीसदी तक उद्योग पटरी पर लौट चुका है. उम्मीद है कि जुलाई में और राहत मिलेगी. इधर हालात सामान्य होने के कारण अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग भी कमी है. यह भी उद्योग को पटरी पर लाने में मददगार साबित हुआ है."- संजय भारतिया, उद्योगपति
इसे भी पढ़ेंः Lockdown Effect: कभी परोसते थे लजीज व्यंजन, अब दाने-दाने को मोहताज
"उद्योग को पूरी तरह से पटरी पर लाने में अभी और समय लगेगा. लेकिन जिस तरीके से सरकार ने उद्यमियों और उद्योग को पटरी पर लाने को लेकर योजनाओं का विस्तार किया, इसके लिए राशि बढ़ाई, इसका काफी लाभ मिल रहा है. उम्मीद है कि उद्योग जल्द ही पटरी पर लौटेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकेगा."-ओपी सिंह, व्यवसाई