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राजधानी जलाशय में चहचहा रहे देसी-विदेशी पक्षी, बच्चों का किया जाएगा ज्ञान वर्धन

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Published : Jan 1, 2020, 5:55 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इस जलाशय का दौरा किया था. उन्होंने इस जलाशय का नामांकरण राजधानी जलाशय किया था. बताया जा रहा है कि इस जलाशय को सिर्फ बच्चों के लिए खोला जाएगा. जहां वे एक ग्रुप में किसी ट्रेंड गाइड के साथ आएंगे और अपना ज्ञान वर्धन करेंगे.

पटना
पटना

पटना: राज्य में पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए राजधानी में कई स्तरों पर काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में सचिवालय तालाब का साफ-सफाई करवाया गया है. जहां देस-विदेश के कई पक्षी पहुंच रहे हैं. इस तालाब को आने वाले समय में बच्चों के लिए खोला जाएगा. जिससे उनका ज्ञान वर्धन हो सके.

पटना के सचिवालय तालाब में पहले सीवरेज का पानी जमा होता था. इसको लेकर सरकार ने पर्यावरण विशेषज्ञों की सलाह ली. जिस पर इंडियन बोर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क के स्टेट कोऑर्डिनेटर अरविंद मिश्र ने साल 2019 में ही कई सुझाव दिए थे. उनकी सलाह पर अमल करते हुए तालाब की साफ-सफाई कराई गई. इसके बाद अब इस तालाब का नजारा ही बदल गया है. ईटीवी भारत की टीम ने जब सचिवालय तालाब का जायजा लिया तो यहां बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पक्षियां देखने को मिली.

पेश है रिपोर्ट

सीएम ने किया इस तालाब का नामांकरण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इस जलाशय का दौरा किया था. उन्होंने इस जलाशय का नामांकरण राजधानी जलाशय किया था. बताया जा रहा है कि इस जलाशय को सिर्फ बच्चों के लिए खोला जाएगा. जहां वे एक ग्रुप में किसी ट्रेंड गाइड के साथ आएंगे और अपना ज्ञान वर्धन करेंगे.

बच्चों का बढ़ेगा ज्ञान
देसी-विदेशी पक्षियों के बारे में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर गोपाल शर्मा ने कहा कि यह एक बड़ी और सोची-समझी पहल है. जो भविष्य के लिए बेहतर नतीजे लाने वाली है. इससे ना सिर्फ बच्चे अपने पर्यावरण और पशु पक्षियों के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा सकेंगे बल्कि इसके महत्व को समझते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी जानकारी देंगे.

कौन-कौन सी चिड़िया यहां आ रही हैं
गोपाल शर्मा ने बताया कि यहां लिटिल ग्रीव, कॉमन मोरहेन, यूरशियन कूट, नॉर्दर्न सोवलर, गढवाल, नॉर्दर्न पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड आदि चाइनीज और रशियन बर्ड्स बड़ी संख्या में आ रहे हैं. अगर इस राजधानी जलाशय का संरक्षण और मेंटेनेंस सही तरीके से होता रहा तो और ज्यादा पक्षी प्रवास के लिए यहां आएंगे. बेगूसराय के बाद यह बिहार का सबसे बेहतरीन बर्ड स्पॉट बन जाएगा.

पटना: राज्य में पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए राजधानी में कई स्तरों पर काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में सचिवालय तालाब का साफ-सफाई करवाया गया है. जहां देस-विदेश के कई पक्षी पहुंच रहे हैं. इस तालाब को आने वाले समय में बच्चों के लिए खोला जाएगा. जिससे उनका ज्ञान वर्धन हो सके.

पटना के सचिवालय तालाब में पहले सीवरेज का पानी जमा होता था. इसको लेकर सरकार ने पर्यावरण विशेषज्ञों की सलाह ली. जिस पर इंडियन बोर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क के स्टेट कोऑर्डिनेटर अरविंद मिश्र ने साल 2019 में ही कई सुझाव दिए थे. उनकी सलाह पर अमल करते हुए तालाब की साफ-सफाई कराई गई. इसके बाद अब इस तालाब का नजारा ही बदल गया है. ईटीवी भारत की टीम ने जब सचिवालय तालाब का जायजा लिया तो यहां बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पक्षियां देखने को मिली.

पेश है रिपोर्ट

सीएम ने किया इस तालाब का नामांकरण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इस जलाशय का दौरा किया था. उन्होंने इस जलाशय का नामांकरण राजधानी जलाशय किया था. बताया जा रहा है कि इस जलाशय को सिर्फ बच्चों के लिए खोला जाएगा. जहां वे एक ग्रुप में किसी ट्रेंड गाइड के साथ आएंगे और अपना ज्ञान वर्धन करेंगे.

बच्चों का बढ़ेगा ज्ञान
देसी-विदेशी पक्षियों के बारे में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर गोपाल शर्मा ने कहा कि यह एक बड़ी और सोची-समझी पहल है. जो भविष्य के लिए बेहतर नतीजे लाने वाली है. इससे ना सिर्फ बच्चे अपने पर्यावरण और पशु पक्षियों के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा सकेंगे बल्कि इसके महत्व को समझते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी जानकारी देंगे.

कौन-कौन सी चिड़िया यहां आ रही हैं
गोपाल शर्मा ने बताया कि यहां लिटिल ग्रीव, कॉमन मोरहेन, यूरशियन कूट, नॉर्दर्न सोवलर, गढवाल, नॉर्दर्न पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड आदि चाइनीज और रशियन बर्ड्स बड़ी संख्या में आ रहे हैं. अगर इस राजधानी जलाशय का संरक्षण और मेंटेनेंस सही तरीके से होता रहा तो और ज्यादा पक्षी प्रवास के लिए यहां आएंगे. बेगूसराय के बाद यह बिहार का सबसे बेहतरीन बर्ड स्पॉट बन जाएगा.

Intro:बिहार में पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास सरकार की तरफ से किए जा रहे हैं। इसके लिए कई स्तरों पर एक साथ काम चल रहा है। पेड़-पौधे और पशु-पक्षियों के साथ आने वाली पीढ़ी का जुड़ाव हो सके, ऐसा एक बड़ा प्रयास पटना में साकार हो रहा है। पेश है एक स्पेशल रिपोर्ट।


Body:पटना में देसी विदेशी बर्ड्स को देखने के लिए आपको किसी मूवी या चिड़ियाखाना जाने की अब जरूरत नहीं है। देसी विदेशी चिड़ियों को पटना में ऐसी एक माकुल जगह मिल गई है जहां वे सालों भर रह सकती हैं और अपना आशियाना बना सकती हैं। हम बात कर रहे हैं पटना के सचिवालय तालाब की जो कभी सचिवालय के सीवरेज के काम आता था। इसके बाद सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह ली। सरकार ने इंडियन बोर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क के स्टेट कोऑर्डिनेटर अरविंद मिश्र से सलाह मांगी थी उन्होंने वर्ष 2019 में ही कई सुझाव दिए थे। उनकी सलाह पर अमल करते हुए तालाब की सफाई कराई गई। इसके बाद अब इस तालाब का नजारा ही बदल गया है।
ईटीवी भारत की टीम ने जब सचिवालय तालाब का जायजा लिया जिसे अब राजधानी जलाशय का नाम दिया गया है तो यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी चिड़ियों का नजारा देखने को मिला। इस शानदार नजारे के साथ अब इस जलाशय में बच्चे किसी प्रशिक्षित गाइड के साथ घूम सकेंगे। उन्हें यह प्रशिक्षित गाइड विभिन्न चिड़ियों के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि इन चिड़ियों का पटना में होना कितना महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इस जलाशय का दौरा किया था और इसे राजधानी जलाशय के रूप में नामकरण किया। इस जलाशय को सिर्फ बच्चों के लिए खोला जाएगा जहां वे एक ग्रुप में किसी ट्रेंड गाइड के साथ आएंगे और अपना ज्ञान वर्धन करेंगे।


Conclusion:इस बारे में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर गोपाल शर्मा ने कहा कि एक बड़ी और सोची-समझी पहल है जो भविष्य के लिए बेहतर नतीजे लाने वाली है। ना सिर्फ बच्चे अपने पर्यावरण और पशु पक्षियों के बारे में अपनी जानकारी बढ़ा सकेंगे बल्कि इसके महत्व को समझते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी जानकारी दे सकेंगे।

कौन सी चिड़िया यहां आ रही है-
गोपाल शर्मा ने बताया कि यहां लिटिल ग्रीव, कॉमन मोरहेन, यूरशियन कूट, नॉर्दर्न सोवलर, गढवाल, नॉर्दर्न पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड आदि चाइनीज और रशियन बर्ड्स बड़ी संख्या में आ रहे हैं। अगर इस राजधानी जलाशय का संरक्षण और मेंटेनेंस सही तरीके से होता रहा तो और ज्यादा पक्षी प्रवास के लिए यहां आएंगे और बेगूसराय के बाद यह बिहार का सबसे बेहतरीन बॉडी स्पॉट बन जाएगा।

गोपाल शर्मा रिजनल डायरेक्टर, जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया
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