पटना: राजधानी के ज्ञान भवन में सीएम नीतीश कुमार ने इंडियन रोड कांग्रेस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. 22 दिसंबर तक राजधानी के ज्ञान भवन में चलने वाले 80वें IRC के आयोजन में बिहार पथ निर्माण विभाग मुख्य भूमिका निभा रहा है. कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम सुशील मोदी और नंदकिशोर यादव समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे. रोड कांग्रेस कार्यक्रम में 96 कंपनियों ने हिस्सा लिया. प्रधाव सचिव ने बताया कि 28 राज्यों के 1400 डेलीगेट्स इसमें भाग ले रहे हैं.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने समारिका का विमोचन किया. साथ ही एन के सिन्हा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया. मुख्यमंत्री ने एनएच की खराब स्थिती पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि बिहार में 5 हजार किमी लंबी सड़क है लेकिन रखरखाव के अभाव में सड़कें टूट जाती हैं और काम भी धीमी गति से चलता है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुये. बता दें कि पिछली बार साल 2009 में बिहार में इंडियन रोड कांग्रेस का आयोजन हुआ था. इस रोड कांग्रेस में ही गांधी सेतु के पुनर्निर्माण पर चर्चा हुई थी, जिसके बाद गांधी सेतु का पुनर्निर्माण हुआ.
सिक्स लेन गंगा पुल का निरीक्षण
इंडियन रोड कांग्रेस के दौरान देश-विदेश के मशहूर इंजीनियर और सड़क निर्माण से जुड़े जानकार भी पटना में जुटे. सभी को बिदुपुर में बन रहे सिक्स लेन गंगा पुल का निरीक्षण कराया जाएगा. परिवहन सचिव और बिहार राज्य सड़क विकास निगम के एमडी संजय कुमार अग्रवाल ने बताया इस महत्वपूर्ण आयोजन में कई मुद्दों पर चर्चा होगी. मुख्य रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और पुल निर्माण में हो रही देरी के साथ-साथ रोड सेफ्टी पर भी चर्चा होगी.
कई मुद्दों पर होगी चर्चा
गौरतलब है कि बिहार में कई बड़े पुलों का निर्माण चल रहा है. लेकिन कोई भी पुल या सड़क परियोजना अपने तय समय पर पूरी नहीं हो पाती है. चाहे पटना का दीघा सेतु का निर्माण हो या कोई अन्य बड़ा पुल प्रोजेक्ट. विशेषज्ञ इंडियन रोड कांग्रेस में इस बात पर चर्चा करेंगे कि आखिर पुलों के निर्माण में लेटलतीफी की वजह क्या है.