पटना: भ्रष्टाचार को लेकर इंडिया करप्शन सर्वे 2019 की रिपोर्ट आने के बाद से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया. विपक्ष ने जहां सरकार को घेरा. वहीं, सरकार बचाव की मुद्रा में दिखाई दी. इन सबके बीच भ्रष्टाचार की इस बात को लेकर सियासी जंग छिड़ गई कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है, राजनेता या नौकरशाह?
बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है. इस बात के आरोप विपक्ष के द्वारा सरकार पर लगाए जाते हैं. सर्वे रिपोर्ट से विपक्ष के आरोपों पर मुहर भी लग गई है. रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामले में बिहार दूसरे स्थान पर है. यह सर्वे ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया, टीआईआई और लोकल सर्किल्स ने किया है. बिहार से ऊपर सिर्फ एक ही राज्य राजस्थान है. रिपोर्ट प्रकाश में आने के बाद से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है. इस बाबत सवाल पूछे जाने पर विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
विपक्ष का प्रहार...
राजद विधायक शकील खान ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन चुका है. यहां घोटाले हो रहे हैं और बड़े पैमाने पर कमीशन खोरी जारी है. सुशासन का दावा करने वाली सरकार की हकीकत यह है कि वह भ्रष्टाचार में दूसरे स्थान पर है. वहीं, भाकपा माले विधायक महबूब आलम ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है. ऊपर से नीचे तक लोग भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और आम लोग मजबूर हैं.
बीजेपी ने व्यक्त की चिंता
बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की और कहा है कि अगर ऐसा है तो सरकार इस पर चिंतन करेगी. विधायक ने भ्रष्टाचार का ठीकरा नौकरशाहों पर फोड़ दिया. मिथिलेश तिवारी ने कहा कि नौकरशाह अगर ईमानदार हो जाएंगे, तो भ्रष्टाचार वैसे ही खत्म हो जाएगा.
- सुशासन का दावा करने वाली सरकार के मंत्री बचाव की मुद्रा में दिखाई दिए. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार को रिपोर्ट की जानकारी नहीं है. इस बाबत उन्होंने कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद ही मैं इस पर कुछ बयान दूंगा.
20 राज्यों में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में रिश्वतखोरी की घटनाओं में पिछले साल से 10 प्रतिशत की कमी आई है. सर्वे रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा और ओडिशा में लोगों ने भ्रष्टाचार के कम मामलों की सूचना दी गई है, जबकि राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड और पंजाब में भ्रष्टाचार की घटनाएं अधिक हुई हैं.