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Patna High Court : राजनीतिक दल गठित करने के लिए निर्दलीय एमएलसी सच्चिदानंद राय ने दायर की याचिका, कल सुनवाई

बिहार के सारण में विधान परिषद के निर्दलीय MLC सच्चिदानंद राय द्वारा अपना दल गठित करने के केस में कल पटना हाईकोर्ट में सुनवाई है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ इस केस की सुनवाई करेगी.

Patna High Court News
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 28, 2023, 7:57 PM IST

पटना : सारण से विधान परिषद के निर्दलीय पार्षद सच्चिदानंद राय ने पटना उच्च न्यायालय में अपना राजनीतिक दल गठित करने के लिए याचिका दायर किया है. इस मामले पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. याचिका में ये कहा गया है कि निर्दलीय विधान परिषद के पार्षद द्वारा अपने राजनीतिक दल का गठन दल बदल कानून के तहत नहीं आता हैं. उन्होंने सूचना के अधिकार के अंतर्गत उन्होंने भारत के चुनाव आयोग से जानकारी मांगी कि यदि वे अपना दल गठित करते हैं, तो क्या उन्हें विधान परिषद पार्षद के पद को छोड़ना होगा.


ये भी पढ़ें- Bihar Caste Census : 'राज्य को जनगणना का अधिकार ही नहीं', केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

भारतीय चुनाव आयोग ने इस मामले को वापस करते हुए कहा कि ये सूचना के अधिकार के तहत सूचना नहीं दिया जा सकता. उन्होंने बिहार विधान परिषद के सभापति से इस सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी चाही. इसमें एडवोकेट जनरल द्वारा दिये गये वैधानिक सलाह का हवाला दिया गया. इसके तहत दसवें अनुसूची के पारा 2(2) पहले के दल और नये राजनीतिक दल के गठन में कोई भेद नहीं करता है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की.

सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता को ये स्वतंत्रता दी कि वे इस सम्बन्ध में सम्बन्धित हाई कोर्ट में अपनी याचिका दायर कर सकते हैं. इसी सन्दर्भ में दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा.

सच्चिनांद राय ईडी के छापे के बाद भी सुर्खियों में आए थे. 1 मार्च को ED ने 794 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोलकाता, सिलीगुड़ी , हावड़ा और आगरा में कई फंड कंपनियों की जांच की गई थी. सच्चिदानंद राय इन कंपनियों में पार्टनर बताए गए थे.

पटना : सारण से विधान परिषद के निर्दलीय पार्षद सच्चिदानंद राय ने पटना उच्च न्यायालय में अपना राजनीतिक दल गठित करने के लिए याचिका दायर किया है. इस मामले पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. याचिका में ये कहा गया है कि निर्दलीय विधान परिषद के पार्षद द्वारा अपने राजनीतिक दल का गठन दल बदल कानून के तहत नहीं आता हैं. उन्होंने सूचना के अधिकार के अंतर्गत उन्होंने भारत के चुनाव आयोग से जानकारी मांगी कि यदि वे अपना दल गठित करते हैं, तो क्या उन्हें विधान परिषद पार्षद के पद को छोड़ना होगा.


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भारतीय चुनाव आयोग ने इस मामले को वापस करते हुए कहा कि ये सूचना के अधिकार के तहत सूचना नहीं दिया जा सकता. उन्होंने बिहार विधान परिषद के सभापति से इस सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी चाही. इसमें एडवोकेट जनरल द्वारा दिये गये वैधानिक सलाह का हवाला दिया गया. इसके तहत दसवें अनुसूची के पारा 2(2) पहले के दल और नये राजनीतिक दल के गठन में कोई भेद नहीं करता है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की.

सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता को ये स्वतंत्रता दी कि वे इस सम्बन्ध में सम्बन्धित हाई कोर्ट में अपनी याचिका दायर कर सकते हैं. इसी सन्दर्भ में दायर याचिका पर पटना हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा.

सच्चिनांद राय ईडी के छापे के बाद भी सुर्खियों में आए थे. 1 मार्च को ED ने 794 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग केस में कोलकाता, सिलीगुड़ी , हावड़ा और आगरा में कई फंड कंपनियों की जांच की गई थी. सच्चिदानंद राय इन कंपनियों में पार्टनर बताए गए थे.

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