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Bihar Budget 2023: नौकरी और योजनाओं के लिए बजट का आकार बढ़ाना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती! - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से शुरू हो रहा है. 28 फरवरी को बिहार सरकार बजट पेश करेगी. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया है. वहीं सात निश्चय योजना और कृषि रोड मैप को भी जमीन पर उतारना है. इन सबके लिए सरकार को बड़ी राशि की जरूरत होगी. ऐसे में जब बिहार का राजस्व बहुत ज्यादा नहीं बढ़ रहा है तो अर्थशास्त्री भी कह रहे हैं कि बजट का आकार बहुत अधिक बढ़ाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Feb 22, 2023, 8:13 AM IST

बिहार का बजट बढ़ाने की चर्चा

पटना: बिहार बजट (Bihar Budget 2023) से पहले बजट के आकार को लेकर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्तीय वर्ष की तुलना में 10 से 20% के बीच में सरकार अपना बजट आकार बढ़ा ले, वही बहुत है. ऐसे में बिहार सरकार का बजट 260000 करोड़ से 270000 करोड़ के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2022 -23 में बिहार का बजट आकार 237691.19 करोड़ रुपए का था, इसमें 100230. 25 करोड़ योजना मद में और 137460.94 करोड़ रुपए स्थापना में व्यय की राशि थी.

ये भी पढ़ें: Bihar Budget 2023: 16 छुट्टी को छोड़ 23 बैठकों में होगा बजट पास, जानें किस दिन क्या होगा

बजट का आकार बढ़ाना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती: मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में 77 फीसदी राज्य सरकार ने 10 विभागों को दी थी, जिसमें शिक्षा विभाग 22.2 प्रतिशत, ग्रामीण विकास 15.19%, समाज कल्याण 8.18%, ग्रामीण कार्ड 7.95%, स्वास्थ्य विभाग 7.04%, पथ निर्माण 4.42% , नगर विकास एवं आवास 4.06% , जल संसाधन 3.23%, पीएचइडी 1.97 प्रतिशत रखी रखी गई थी. बिहार सरकार 2 लाख शिक्षकों की बहाली की तैयारी कर रही है. साथ ही शिक्षा के लिए कई अन्य योजना भी चलाने की तैयारी है. ऐसे में शिक्षा विभाग का बजट आकार 25% बढ़ सकता है. वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार कई कदम उठाने की तैयारी में है.

2-3% तक बढ़ सकता है बजट का आकार: वहीं नई बहाली के साथ नए मेडिकल कॉलेज की भी स्थापना होना है लेकिन सरकार बहुत से बहुत 2-3% बजट बढ़ाएगी. कृषि रोडमैप के लिए कृषि का बजट आकार भी बढ़ाना होगा. साथ ही सरकार ने पुलिस विभाग में भी 70000 से अधिक नई नियुक्तियां की घोषणा की है तो उसके लिए भी राशि की व्यवस्था करनी होगी. 2021-22 में राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 1.86 लाख करोड़ रुपए था, जो 2022-23 में बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपए रखा गया है.

बजट का आकार बहुत ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं: वैसे सरकार उन क्षेत्रों को भी चयनित कर रही है, जहां टैक्स बढ़ाया जा सके और टैक्स उगाही के लिए कई कदम भी उठा रही है लेकिन इसके बावजूद अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी का कहना है बजट का आकार बहुत ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं है. वे कहते हैं कि फिर भी 15 से 20% के आसपास बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है. नवल चौधरी का कहना है कि मुद्रास्फीति 6% के आसपास है. साथ ही नई योजनाओं को भी लागू करना है. बिहार सरकार के लिए उन्हें योजनाओं के लिए भी राशि रखना होगा, जो विलंब से चल रही है. जिसका बजट आकार बढ़ा है.

सरकार के लिए बजट का आकार बढ़ाने में होगी दिक्कत: वहीं, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का भी कहना है कि महंगाई के कारण आपको हर हाल में बजट का आकार 10 से 12% तक बढ़ाना पड़ सकता है. यदि बजट का आकार नहीं बढ़ा तो उसे शून्य बजट मान लिया जाता है.


"बजट का आकार बहुत ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं है. फिर भी 15 से 20% के आसपास बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है. मुद्रास्फीति 6% के आसपास है. साथ ही नई योजनाओं को भी लागू करना है. बिहार सरकार के लिए उन्हें योजनाओं के लिए भी राशि रखना होगा, जो विलंब से चल रही है. जिसका बजट आकार बढ़ा है"- नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

"देखिये जो अभी हालत है, उससे साफ है कि महंगाई के कारण आपको हर हाल में बजट का आकार 10 से 12% तक बढ़ाना पड़ेगा. यदि बजट का आकार नहीं बढ़ा तो उसे शून्य बजट मान लिया जाता है. सरकार को इस ओर गंभीरता से विचार करना होगा"- विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, सिन्हा इंस्टिट्यूट

पिछले 5 साल का बजट आकार: आपको बताएं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 237691 करोड़ का बजट था. 2021-22 में 218303 करोड़ रुपए, 2020-21 में 211000 करोड़, साल 2019-20 में 200501 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2018-19 में 176990 करोड़ रुपए बिहार का बजट था. बिहार सरकार की ओर से केंद्र से विशेष पैकेज की मांग भी की जाती रही है. इसका बड़ा कारण यह भी है कि बिहार का राजस्व अभी भी इतना नहीं है कि बजट को बड़ा आकार दिया जा सके लेकिन महागठबंधन सरकार के सामने नौकरी और रोजगार की जो बड़ी चुनौती है, उसके लिए हर हाल में बजट का आकार जहां तक संभव है, वहां तक बढ़ाना अनिवार्य होगा.


चुनावी वादा पूरा करने की चुनौती: हालांकि बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहां है कि आधारभूत संरचना महिला सशक्तिकरण शिक्षा स्वास्थ्य पर सरकार का पूरा फोकस होगा. सरकार ने जो वादा किया है, उसे पूरा करने की कोशिश होगी. ऐसे बजट आकार देखें तो 15 साल में 10 गुना बढ़ गया है. 2004-5 में बिहार का बजट 23885 करोड़ के आसपास था और वर्तमान वित्तीय वर्ष में 237000 करोड़ से अधिक का बजट है. इस बार 260000 करोड़ से 270000 करोड़ के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन इतने बजट आकार में सरकार जो घोषणा की है, उसे पूरा कर पाएगी यह आसान नहीं होगा क्योंकि इससे अधिक बजट का आकार करना सरकार के लिए बिना राजस्व बढ़ाएं संभव नहीं है.

बिहार का बजट बढ़ाने की चर्चा

पटना: बिहार बजट (Bihar Budget 2023) से पहले बजट के आकार को लेकर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वित्तीय वर्ष की तुलना में 10 से 20% के बीच में सरकार अपना बजट आकार बढ़ा ले, वही बहुत है. ऐसे में बिहार सरकार का बजट 260000 करोड़ से 270000 करोड़ के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2022 -23 में बिहार का बजट आकार 237691.19 करोड़ रुपए का था, इसमें 100230. 25 करोड़ योजना मद में और 137460.94 करोड़ रुपए स्थापना में व्यय की राशि थी.

ये भी पढ़ें: Bihar Budget 2023: 16 छुट्टी को छोड़ 23 बैठकों में होगा बजट पास, जानें किस दिन क्या होगा

बजट का आकार बढ़ाना बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती: मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में 77 फीसदी राज्य सरकार ने 10 विभागों को दी थी, जिसमें शिक्षा विभाग 22.2 प्रतिशत, ग्रामीण विकास 15.19%, समाज कल्याण 8.18%, ग्रामीण कार्ड 7.95%, स्वास्थ्य विभाग 7.04%, पथ निर्माण 4.42% , नगर विकास एवं आवास 4.06% , जल संसाधन 3.23%, पीएचइडी 1.97 प्रतिशत रखी रखी गई थी. बिहार सरकार 2 लाख शिक्षकों की बहाली की तैयारी कर रही है. साथ ही शिक्षा के लिए कई अन्य योजना भी चलाने की तैयारी है. ऐसे में शिक्षा विभाग का बजट आकार 25% बढ़ सकता है. वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सरकार कई कदम उठाने की तैयारी में है.

2-3% तक बढ़ सकता है बजट का आकार: वहीं नई बहाली के साथ नए मेडिकल कॉलेज की भी स्थापना होना है लेकिन सरकार बहुत से बहुत 2-3% बजट बढ़ाएगी. कृषि रोडमैप के लिए कृषि का बजट आकार भी बढ़ाना होगा. साथ ही सरकार ने पुलिस विभाग में भी 70000 से अधिक नई नियुक्तियां की घोषणा की है तो उसके लिए भी राशि की व्यवस्था करनी होगी. 2021-22 में राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 1.86 लाख करोड़ रुपए था, जो 2022-23 में बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपए रखा गया है.

बजट का आकार बहुत ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं: वैसे सरकार उन क्षेत्रों को भी चयनित कर रही है, जहां टैक्स बढ़ाया जा सके और टैक्स उगाही के लिए कई कदम भी उठा रही है लेकिन इसके बावजूद अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी का कहना है बजट का आकार बहुत ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं है. वे कहते हैं कि फिर भी 15 से 20% के आसपास बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है. नवल चौधरी का कहना है कि मुद्रास्फीति 6% के आसपास है. साथ ही नई योजनाओं को भी लागू करना है. बिहार सरकार के लिए उन्हें योजनाओं के लिए भी राशि रखना होगा, जो विलंब से चल रही है. जिसका बजट आकार बढ़ा है.

सरकार के लिए बजट का आकार बढ़ाने में होगी दिक्कत: वहीं, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट के प्रोफेसर विद्यार्थी विकास का भी कहना है कि महंगाई के कारण आपको हर हाल में बजट का आकार 10 से 12% तक बढ़ाना पड़ सकता है. यदि बजट का आकार नहीं बढ़ा तो उसे शून्य बजट मान लिया जाता है.


"बजट का आकार बहुत ज्यादा बढ़ाना संभव नहीं है. फिर भी 15 से 20% के आसपास बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है. मुद्रास्फीति 6% के आसपास है. साथ ही नई योजनाओं को भी लागू करना है. बिहार सरकार के लिए उन्हें योजनाओं के लिए भी राशि रखना होगा, जो विलंब से चल रही है. जिसका बजट आकार बढ़ा है"- नवल किशोर चौधरी, अर्थशास्त्री

"देखिये जो अभी हालत है, उससे साफ है कि महंगाई के कारण आपको हर हाल में बजट का आकार 10 से 12% तक बढ़ाना पड़ेगा. यदि बजट का आकार नहीं बढ़ा तो उसे शून्य बजट मान लिया जाता है. सरकार को इस ओर गंभीरता से विचार करना होगा"- विद्यार्थी विकास, विशेषज्ञ, सिन्हा इंस्टिट्यूट

पिछले 5 साल का बजट आकार: आपको बताएं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 237691 करोड़ का बजट था. 2021-22 में 218303 करोड़ रुपए, 2020-21 में 211000 करोड़, साल 2019-20 में 200501 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2018-19 में 176990 करोड़ रुपए बिहार का बजट था. बिहार सरकार की ओर से केंद्र से विशेष पैकेज की मांग भी की जाती रही है. इसका बड़ा कारण यह भी है कि बिहार का राजस्व अभी भी इतना नहीं है कि बजट को बड़ा आकार दिया जा सके लेकिन महागठबंधन सरकार के सामने नौकरी और रोजगार की जो बड़ी चुनौती है, उसके लिए हर हाल में बजट का आकार जहां तक संभव है, वहां तक बढ़ाना अनिवार्य होगा.


चुनावी वादा पूरा करने की चुनौती: हालांकि बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहां है कि आधारभूत संरचना महिला सशक्तिकरण शिक्षा स्वास्थ्य पर सरकार का पूरा फोकस होगा. सरकार ने जो वादा किया है, उसे पूरा करने की कोशिश होगी. ऐसे बजट आकार देखें तो 15 साल में 10 गुना बढ़ गया है. 2004-5 में बिहार का बजट 23885 करोड़ के आसपास था और वर्तमान वित्तीय वर्ष में 237000 करोड़ से अधिक का बजट है. इस बार 260000 करोड़ से 270000 करोड़ के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है लेकिन इतने बजट आकार में सरकार जो घोषणा की है, उसे पूरा कर पाएगी यह आसान नहीं होगा क्योंकि इससे अधिक बजट का आकार करना सरकार के लिए बिना राजस्व बढ़ाएं संभव नहीं है.

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