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बढ़े मजदूरी और सीमेंट के रेट, कंस्ट्रक्शन कंपनी की मांग- संशोधित हो बिल्डिंग बायलॉज नियम

सपनों का घर बनाना, वो भी कोरोना काल में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है. दरअसल, कोरोना ने उद्योग धंधों पर जो ब्रेक लगाई थी, उसका असर अब लॉकडाउन के बाद दिखने लगा है. इससे बुनियादी उद्योग भी अछूता नहीं रह गया है. कंट्रक्शन का काम धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट
पटना से प्रणव की रिपोर्ट
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Published : Dec 4, 2020, 8:27 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:17 PM IST

पटना: कोरोना वायरस का असर विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था में देखने को मिल रहा है. भारत भी इस फेहरिस्त में शामिल है. उद्योग जगत की बात करें, तो कोरोना ने इसकी रीढ़ तोड़ दी है. बुनियादी उद्योग धंधों पर तो कोरोना ने गजब का सितम ढहाया है. मार्च में लागू हुए लॉकडाउन ने पहले ही कंस्ट्रक्शन पर ब्रेक लगा दी, अब जब हालात पटरी पर आए हैं, तो लॉकडाउन का इफेक्ट देखने को मिल रहा है.

लंबे समय तक बंद रहा कंस्ट्रक्शन का काम अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. वजह, सीमेंट, बालू और सरिया की बढ़ी कीमते बताई जा रही हैं. दूसरी ओर मजदूरों के रेट भी बढ़ गए हैं. ऐसे में छोटा कंस्ट्रक्शन का काम हो या बड़ा, सभी पर धीमी रफ्तार से चल रहे हैं. माने, पैसे वाले लोग ही निर्माण कार्य करा रहे हैं.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट

'बिल्डिंग बायलॉज नियम में हो संसोधन'
पटना स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक नरेंद्र कुमार कहते हैं, 'अभी के समय में निर्माण कार्य के सामानों के दरों में वृद्धि हो गई है, जिस कारण काफी कठिनाइयां हो रही हैं. लेकिन उससे भी बड़ी समस्या बिल्डिंग बायलॉज का लागू नहीं होना है. बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन कर लागू करने की मांग सरकार से की थी लेकिन अब तक लागू नहीं हो पाया है.

सीमेंट के दाम
सीमेंट के दाम

नरेंद्र ने कहा कि नियम में संशोधन ना होने की वजह से नया काम नहीं मिल पा रहा है. पुराना काम ज्यादा नहीं बचा है अधिक लोगों को रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है. अगर बिल्डिंग बायलॉज जल्द संशोधन होकर लागू हो जाता तो बिहार के मजदूर जो दूसरे राज्य में वापस लौट रहे हैं, उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती. बिहार में इतना अधिक काम मिलता कि वह सभी घर पर रहकर ही काम कर सकते थे.

सीमेंट के दाम
सीमेंट के दाम

'जल्द गिरेंगे सीमेंट के दाम'
वहीं, बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि हर साल सीमेंट और मजदूरों की दर में वृद्धि होती है. यह आम बात है. मुसीबत यह है कि काफी लंबे समय से सभी कामकाज बंद थे और अभी शुरुआती समय है इसलिए थोड़ी समस्याएं हो रही है लेकिन धीरे-धीरे सभी चीजें पटरी पर आ जाएगी. दरों में भी कमी आएगी. पूरा देश से कैसे महामारी से जूझ रहा है, जिसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था. थोड़ा समय जरूर देना होगा, तभी चीजें धीरे-धीरे सामान्य होगी.

बढ़ गए सीमेंट के दाम
बढ़ गए सीमेंट के दाम

आपको बता दें कि विभिन्न राज्यों से आए मजदूर काम करने के लिए फिर से दूसरे राज्य में लौट रहे हैं. काम काम मिलने के कारण मजदूरी भी बढ़ गई है. वहीं अगर बात करें सीमेंट की तो लगभग 8 से ₹12 प्रति बोरा में इजाफा हुआ है.

धीमी रफ्तार में चल रहा कंस्ट्रक्शन वर्क
धीमी रफ्तार में चल रहा कंस्ट्रक्शन वर्क

क्या कहते हैं सीमेंट विक्रेता
हालांकि सीमेंट विक्रेताओं ने बताया कि सीमेंट की कीमतों में वृद्धि तो अच्छी खासी हो हुई थी लेकिन कमी बहुत कम हो रही है. हाल ही में दो से तीन रुपए की कमी हुई है लेकिन सेल काफी कम हो रहा है. हर वर्ष की तुलना में अगर बात करें तो 50 परसेंट ही बिक्री हुई है. साल का अंतिम समय चल रहा है ऐसे समय में सेल काफी डाउन रहता है. अब अगले ही साल उम्मीद है कि अच्छी बिक्री हो.

पटना: कोरोना वायरस का असर विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था में देखने को मिल रहा है. भारत भी इस फेहरिस्त में शामिल है. उद्योग जगत की बात करें, तो कोरोना ने इसकी रीढ़ तोड़ दी है. बुनियादी उद्योग धंधों पर तो कोरोना ने गजब का सितम ढहाया है. मार्च में लागू हुए लॉकडाउन ने पहले ही कंस्ट्रक्शन पर ब्रेक लगा दी, अब जब हालात पटरी पर आए हैं, तो लॉकडाउन का इफेक्ट देखने को मिल रहा है.

लंबे समय तक बंद रहा कंस्ट्रक्शन का काम अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पाया है. वजह, सीमेंट, बालू और सरिया की बढ़ी कीमते बताई जा रही हैं. दूसरी ओर मजदूरों के रेट भी बढ़ गए हैं. ऐसे में छोटा कंस्ट्रक्शन का काम हो या बड़ा, सभी पर धीमी रफ्तार से चल रहे हैं. माने, पैसे वाले लोग ही निर्माण कार्य करा रहे हैं.

पटना से प्रणव की रिपोर्ट

'बिल्डिंग बायलॉज नियम में हो संसोधन'
पटना स्थित कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक नरेंद्र कुमार कहते हैं, 'अभी के समय में निर्माण कार्य के सामानों के दरों में वृद्धि हो गई है, जिस कारण काफी कठिनाइयां हो रही हैं. लेकिन उससे भी बड़ी समस्या बिल्डिंग बायलॉज का लागू नहीं होना है. बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन कर लागू करने की मांग सरकार से की थी लेकिन अब तक लागू नहीं हो पाया है.

सीमेंट के दाम
सीमेंट के दाम

नरेंद्र ने कहा कि नियम में संशोधन ना होने की वजह से नया काम नहीं मिल पा रहा है. पुराना काम ज्यादा नहीं बचा है अधिक लोगों को रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है. अगर बिल्डिंग बायलॉज जल्द संशोधन होकर लागू हो जाता तो बिहार के मजदूर जो दूसरे राज्य में वापस लौट रहे हैं, उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती. बिहार में इतना अधिक काम मिलता कि वह सभी घर पर रहकर ही काम कर सकते थे.

सीमेंट के दाम
सीमेंट के दाम

'जल्द गिरेंगे सीमेंट के दाम'
वहीं, बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि हर साल सीमेंट और मजदूरों की दर में वृद्धि होती है. यह आम बात है. मुसीबत यह है कि काफी लंबे समय से सभी कामकाज बंद थे और अभी शुरुआती समय है इसलिए थोड़ी समस्याएं हो रही है लेकिन धीरे-धीरे सभी चीजें पटरी पर आ जाएगी. दरों में भी कमी आएगी. पूरा देश से कैसे महामारी से जूझ रहा है, जिसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था. थोड़ा समय जरूर देना होगा, तभी चीजें धीरे-धीरे सामान्य होगी.

बढ़ गए सीमेंट के दाम
बढ़ गए सीमेंट के दाम

आपको बता दें कि विभिन्न राज्यों से आए मजदूर काम करने के लिए फिर से दूसरे राज्य में लौट रहे हैं. काम काम मिलने के कारण मजदूरी भी बढ़ गई है. वहीं अगर बात करें सीमेंट की तो लगभग 8 से ₹12 प्रति बोरा में इजाफा हुआ है.

धीमी रफ्तार में चल रहा कंस्ट्रक्शन वर्क
धीमी रफ्तार में चल रहा कंस्ट्रक्शन वर्क

क्या कहते हैं सीमेंट विक्रेता
हालांकि सीमेंट विक्रेताओं ने बताया कि सीमेंट की कीमतों में वृद्धि तो अच्छी खासी हो हुई थी लेकिन कमी बहुत कम हो रही है. हाल ही में दो से तीन रुपए की कमी हुई है लेकिन सेल काफी कम हो रहा है. हर वर्ष की तुलना में अगर बात करें तो 50 परसेंट ही बिक्री हुई है. साल का अंतिम समय चल रहा है ऐसे समय में सेल काफी डाउन रहता है. अब अगले ही साल उम्मीद है कि अच्छी बिक्री हो.

Last Updated : Dec 15, 2020, 10:17 PM IST
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