पटना: कुछ साल पहले सरकार द्वारा बसाए गए कुर्जी मोड़ स्थित बिंद टोली इलाके में गंगा का जलस्तर बढ़ने से स्थानीय लगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां रहते हुए इन लोगों को कई साल बीत गए हैं. लेकिन अब तक सरकार द्वारा कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई है. आलम यह है कि प्रतिवर्ष गंगा का जलस्तर बढ़ते ही इस गांव का संपर्क शहर से टूट जाता है. वहीं, लोग नाव से आवागमन को मजबूर हो जाते हैं.
गंगा नदी में जलस्तर बढ़ते ही कुर्जी मोड़ स्थित बिंदटोली का संपर्क पटना से कट जाता है. स्थानीय लोगों को अपने घरों तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. दरअसल, कुर्जी मोड़ स्थित बिंदटोली इलाका सरकार द्वारा बसाया गया है. पटना में दीघा रेलपुल निर्माण के दौरान विस्थापित लोगों को जिला प्रशासन ने गंगा किनारे सरकारी जमीन पर बसाया था. तत्कालीन एसडीओ ने यहां बसाए गए लोगों को पटना शहर तक आवागमन के लिए उन्हें अलग सड़क की व्यवस्था की आश्वासन दिया था. वहीं, इसके बावजूद 135 घरों के इस बस्ती को अब तक रास्ता नहीं मिल पाया है.
'वर्षों से है संपर्क सड़क का इंतजार'
आम दिनों में स्थानीय पगडंडियों के सहारे किसी तरह पटना शहर आते हैं. वहीं, मानसून के दौरान गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने पर इन्हें नाव से ही आवागमन करना पड़ता है. विस्थापन के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इस बस्ती के लोगों को संपर्क सड़क का इंतजार है. वहीं, इन दिनों गंगा का जलस्तर बढ़ने से पगडंडी वाला रास्ता बंद हो चुका है. जिस कारण रोजाना नाव से आवागमन करने पर इन्हें नदी के प्रत्येक छोर पर 10 रुपये किराया देना पड़ता है.
स्थानीय लोगों ने की पीपा पुल की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि महामारी काल में जब कमाई पूर्ण रूप से बंद हो चुकी है तो एक बार आवागमन के 20 रुपया चुकाना परेशानी के सबब जैसा है. वहीं स्थानीय मालती देवी ने बताया कि सरकार ने हम लोगों को यहां लाकर राम भरोसे छोड़ दिया है. हम लोग किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. मालती देवी ने बताया कि जरूरी कामों से शहर का आवागमन करने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सरकार कम से कम एक पीपा पुल ही बनवा देती तो हम लोगों को इतनी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता.