ETV Bharat / state

बक्सर में हाल-ए-कोविड सेंटर: 20 घंटे तक पड़ी रही संक्रमित की डेड बाॅडी, वहीं होता रहा मरीजों का इलाज

जिले के बक्सर एवं डुमरांव अनुमंडल के कोविड-19 केयर सेंटरों में कोरोना संक्रमित शवों के बीच ही चिकित्सकों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है. यहां 20 घंटे तक शव बेड पर पड़े रहते हैं. इधर, परिजन एम्बुलेंस का इंतजार करते हैं.

buxar
कोविड-19 केयर सेंटरो
author img

By

Published : Apr 27, 2021, 7:34 AM IST

Updated : Apr 27, 2021, 7:57 AM IST

बक्सरः जिले में कोरोना संक्रमण उफान पर है. संक्रमण के इस दौर में बक्सर के अस्पतालों में जो स्थिति है, वह जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की सारी तैयारियों की पोल खोल रही हैं. सभी इंतजाम हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. अस्पतालों की स्थिति यह है कि बगल में कोरोना मरीज का शव घंटों तक पड़ा रहता है और उसी हालात में डाॅक्टरों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ेंः बक्सर में एक साथ मिले 232 कोरोना संक्रमित मरीज, अब तक के सभी रिकॉर्ड टूटे

20 घंटे तक बेड पर ही पड़े रहते हैं संक्रमितों के शव
कोरोना महामारी के दौरान की परीक्षा में प्रशासन तो फेल हो ही रहा है, अपने रिश्तेदार भी परायों की तरह का व्यवहार कर रहे हैं. इस कोविड-19 काल में अपने माता पिता एवं संबंधियों का शव तक लेने से लोग परहेज कर रहे हैं. ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं, वह नगर थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की रहने वाली 54 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला का है.

जिसका इलाज जिला कोविड-19 केयर सेंटर में चल रहा था. 25 अप्रैल की शाम 6 बजे महिला की मौत हो गई. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने बार-बार मृत महिला के परिजनों को सूचना दी लेकिन कोई शव लेने नहीं पहुंचा.

अपनों के इंतजार में शव 20 घंटे तक बेड पर ही पड़ा रहा. शव की मौजूदगी में ही खड़े होकर चिकित्सकों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ा. परिजनों द्वारा शव लेने से इनकार करने के 20 घंटे बाद जब मामले के बारे में जिला प्रशासन को पता चला तो अधिकारियों की पहल पर नगर परिषद के कर्मचारियों ने संक्रमित महिला का अंतिम संस्कार किया.

buxar
2 कोरोना मरीज का शव

रूई से लेकर सुई तक बाहर से खरीदना पड़ता है
वहींं, जो दूसरी तस्वीर आप देख रहे हैं वह डुमराव कोविड-19 केयर सेंटर की है. जहां इलाज के दौरान रात 12 बजे एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई. चिकित्सकों की सूचना के बाद शव लेने पहुंचे परिजनों को 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. उसके बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं मिला तो परिजनों को खुद ही व्यवस्था की और शव को लेकर श्मशान ले गये.

परिजनों ने बताया कि कोविड-19 केयर सेंटर के अंदर सुविधाओं का घोर अभाव है. रूई से लेकर सुई तक मरीज के परिजनों को बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है. बाहर में दुकानदार ₹25 की दवा ₹150 में देते हैं.

देखें रिपोर्ट

संक्रमित मरीजों की संख्या 2 हजार के पार
गौरतलब है कि पूरे जिले में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है. संक्रमित मरीजों की संख्या 2 हजार के पार हो गई है. पूरे जिले में केवल एक शव वाहन है. इसके कारण कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने पर घंटों शव वाहन का इंतजार करना पड़ता है. इसके चलते शव घंटों तक बेड पर ही पड़े रहते हैं.

बक्सरः जिले में कोरोना संक्रमण उफान पर है. संक्रमण के इस दौर में बक्सर के अस्पतालों में जो स्थिति है, वह जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की सारी तैयारियों की पोल खोल रही हैं. सभी इंतजाम हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. अस्पतालों की स्थिति यह है कि बगल में कोरोना मरीज का शव घंटों तक पड़ा रहता है और उसी हालात में डाॅक्टरों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ेंः बक्सर में एक साथ मिले 232 कोरोना संक्रमित मरीज, अब तक के सभी रिकॉर्ड टूटे

20 घंटे तक बेड पर ही पड़े रहते हैं संक्रमितों के शव
कोरोना महामारी के दौरान की परीक्षा में प्रशासन तो फेल हो ही रहा है, अपने रिश्तेदार भी परायों की तरह का व्यवहार कर रहे हैं. इस कोविड-19 काल में अपने माता पिता एवं संबंधियों का शव तक लेने से लोग परहेज कर रहे हैं. ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं, वह नगर थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की रहने वाली 54 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला का है.

जिसका इलाज जिला कोविड-19 केयर सेंटर में चल रहा था. 25 अप्रैल की शाम 6 बजे महिला की मौत हो गई. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने बार-बार मृत महिला के परिजनों को सूचना दी लेकिन कोई शव लेने नहीं पहुंचा.

अपनों के इंतजार में शव 20 घंटे तक बेड पर ही पड़ा रहा. शव की मौजूदगी में ही खड़े होकर चिकित्सकों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ा. परिजनों द्वारा शव लेने से इनकार करने के 20 घंटे बाद जब मामले के बारे में जिला प्रशासन को पता चला तो अधिकारियों की पहल पर नगर परिषद के कर्मचारियों ने संक्रमित महिला का अंतिम संस्कार किया.

buxar
2 कोरोना मरीज का शव

रूई से लेकर सुई तक बाहर से खरीदना पड़ता है
वहींं, जो दूसरी तस्वीर आप देख रहे हैं वह डुमराव कोविड-19 केयर सेंटर की है. जहां इलाज के दौरान रात 12 बजे एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई. चिकित्सकों की सूचना के बाद शव लेने पहुंचे परिजनों को 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. उसके बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं मिला तो परिजनों को खुद ही व्यवस्था की और शव को लेकर श्मशान ले गये.

परिजनों ने बताया कि कोविड-19 केयर सेंटर के अंदर सुविधाओं का घोर अभाव है. रूई से लेकर सुई तक मरीज के परिजनों को बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है. बाहर में दुकानदार ₹25 की दवा ₹150 में देते हैं.

देखें रिपोर्ट

संक्रमित मरीजों की संख्या 2 हजार के पार
गौरतलब है कि पूरे जिले में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है. संक्रमित मरीजों की संख्या 2 हजार के पार हो गई है. पूरे जिले में केवल एक शव वाहन है. इसके कारण कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने पर घंटों शव वाहन का इंतजार करना पड़ता है. इसके चलते शव घंटों तक बेड पर ही पड़े रहते हैं.

Last Updated : Apr 27, 2021, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.