पटनाः बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने एक सोमवार को अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक कई एडीजी, आईजी और एसपी रैंक के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में सबसे पहले बिहार की विधि व्यवस्था और अपराध की समीक्षा की गयी और कई तरह के निर्देश दिये गये. लेकिन बैठक में सबसे खास बात जो रही वो थानों में एफआईआर में होने वाली देरी और लापरवाही को लेकर हुई चर्चा. बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने बैठक में शामिल पुलिस अधिकारियों के समक्ष एक प्रस्ताव रखा. जिसमें उन्होंने थाने में एफआईआर में होने वाली देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी फरियादी का एफआईआर आधे घंटे के भीतर हो और एफआईआर होने के 15 मिनट बाद इसकी कॉपी SCRB/FIR पर अपडेट होना चाहिए.
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पति-पत्नी को एक जगह तैनात करने का निर्देशः डीजीपी ने अपने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिया कि एफआईआर करने वाले फरियादी को तत्काल उसकी कॉपी मिलनी चाहिए. यदि वो चाहे तो एससीआरबी के साईट पर जाकर डाउनलोड कर FIR प्राप्त कर सके. इसकी व्यवस्था होनी चाहिए. डीजीपी ने इस बाबत अपने अधिकारियों से सुझाव भी मांगे हैं कि ये कैसे सम्भव होगा, इस पर 48 घंटे के भीतर अपना सुझाव दें. वहीं, बिहार पुलिस में तैनात पुलिसकर्मी यदि पति -पत्नी के रूप में अलग-अलग जिले में तैनात है तो उनके लिए अच्छी खबर है. बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी इस मसले पर गम्भीर है. उन्होंने बैठक के दौरान इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए पति-पत्नी को एक जिले में तैनात करने की दिशा में काम करने का निर्देश जारी किया है. इस बाबत भी अधिकारियों से सुझाव मांगा गया है.
क्या है जानकारों की रायः बिहार के अपर महानिदेशक जेएस गंगवार की मानें तो ''बैठक में बातें जरुर हुई हैं, जो विचार विमर्श में आया था. जैसे ही कुछ सामने आएगा आपको बता दिया जाएगा.'' वहीं इस मुद्दे पर पूर्व डीजीपी अभयानंद की माने तो ''पति पत्नी को एक जगह रखने की योजना कल्याणकारी है और इससे कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी.'' वहीं एफआईआर वाले मसले पर उनका कहना है कि ''कभी-कभी थानेदार को सच और झूठ की जांच के लिए भी वक्त लगता है. यदि समय सीमा में एफआईआर को बांध दिया जाएगा तो झूठे मुकदमों की संख्या में बढ़ोत्तरी की सम्भावना बढ़ जाएगी."
बैठक में हुई कई मुद्दे पर समीक्षाः कुल मिलाकर विधि व्यवस्था और अपराध को लेकर आयोजित इस बैठक में कई तरह की समीक्षा की गयी, लेकिन ये दोनों मसले खास रहे. आम लोगों से लगातार एफआईआर में होने वाली देरी की शिकायत मिलने के बाद शायद बिहार के डीजीपी के मन में ये ख्याल आया होगा और आधे घंटे में एफआईआर कैसे हो ये सुनिश्चित करने की दिशा में उन्होंने सुझाव मांगा है. साथ ही एक जगह पति-पत्नी से सेवा लेने की डीजीपी की योजना कल्याणकारी है.