पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से पांव पसार रहा है. राजधानी पटना में भी कोरोना संक्रमण ने विस्फोटक रूप अपना लिया है. बिहार में मौतों का भी आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ रहा है. संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए बिहार सरकार ने 25 मई तक संपूर्ण लॉकडाउन लगाया है। लॉकडाउन का पालन भी काफी सख्ती से करवाया जा रहा है.
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बिक्री पर पड़ रहा लॉकडाउन का असर
ऐसे में भी पेट्रोल पंप 24 घंटे खुले हुए हैं. पेट्रोल पंप का क्या हाल है? क्या सेल में कुछ कमी या उछाल आई है? इसका जायजा लेने के लिए हमारे संवाददाता ने पटना के कई पेट्रोल पंपों का जायजा लिया और वहां के लोगों से बात भी की. राजधानी पटना के अमूमन सभी पेट्रोल पंप खाली हैं.
सभी स्टाफ तो हैं, लेकिन कोई पेट्रोल भराने वाला नहीं आ रहा है. दिन भर में इक्का-दुक्का लोग पेट्रोल लेने आ रहे हैं. कहीं-कहीं जो इस आवश्यक सेवाओं की गाड़ियां चल रही है, वह पेट्रोल और डीजल लेने आ रही हैं.
स्टेशन गोलंबर के पास स्थित पेट्रोल पंप के मालिक संतोष कुमार जैन ने बताया कि फिलहाल सेल की स्थिति अच्छी नहीं है. हमारे स्टाफ दिन भर बैठे रहते हैं. कस्टमर ही नहीं आ रहे.
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लॉकडाउन तक ऐसी ही रहेगी स्थिति
उन्होंने बताया कि अभी महज 20% ही सेल है यानी 80% सेल में गिरावट आई है. सामान्य दिनों में पेट्रोल पंप पर 3000 लीटर डीजल और 3000 लीटर पेट्रोल की खपत है. अभी दोनों मिलाकर भी हजार लीटर खपत नहीं है. स्थिति बहुत भयावह है. इसी प्रकार से सेल कम होता रहा तो, हमें काफी समस्या हो सकती है.
वहीं, पटना के प्रमुख डाक बंगला चौराहे पर सामान्य दिनों में प्रतिदिन 13-14 हजार लीटर पेट्रोल और 9-10 हजार डीजल की खपत होती है. पेट्रोल पंप के मैनेजर ने बताया कि अभी डीजल की खपत महज दो से ढ़ाई हजार लीटर है. पेट्रोल की खपत ढ़ाई से 3000 लीटर है.
सेल में काफी गिरावट आई है क्योंकि लॉकडाउन है. लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. जबकि पेट्रोल पंप 24 घंटे खुले रहते हैं. उन्होंने बताया कि जब तक लॉकडाउन है, स्थिति इसी प्रकार की रहेगी.