पटना: बिहार में भाजपा और जदयू नेता विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की बात कर रहे हैं. लेकिन, दोनों दलों के बीच कुछ मुद्दों को लेकर बढ़ रही खटास किसी से छिपी नहीं है. जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ऐसे में दोनों दलों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. दरअसल, पीके पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए प्रचार-प्रसार करने की तैयारी में जुटे हैं.
पीके के इस कदम से भाजपा को असर पड़ सकता है. वह भाजपा को शिकस्त देने की रणनीति बना रहे हैं. इसको लेकर चुनावी रणनीतिकार और जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर इन दिनों सुर्खियों में भी हैं.
पशोपेश में पार्टियां
प्रशांत किशोर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहते हुए एनडीए विरोधी के खेमे को मजबूत करने में जुटे हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से दो-दो हाथ कर रही भाजपा के खिलाफ प्रशांत किशोर रणनीति बनाने का काम रहे हैं. पीके के इस स्टैंड से भाजपा और जदयू के नेता पशोपेश में हैं.
क्या कहते हैं नेता?
भाजपा प्रवक्ता नवल किशोर यादव ने कहा है कि प्रशांत किशोर के ममता बनर्जी खेमे में जाने से भाजपा के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी. उन्होंने दावा किया है कि पीके की रणनीति फेल होने वाली है.
विपक्ष ले रहा चुटकी
वहीं, नीतीश कुमार के करीबी प्रशांत किशोर को लेकर जदयू खेमे से कोई नेता मुंह खोलने को तैयार नहीं है. इसपर महागठबंधन के दलों ने चुटकी लेने शुरू कर दी है. हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि देश में जिस तरीके का माहौल है, वैसे में मोदी विरोधी खेमे को मजबूत होने की जरूरत है. प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के साथ जाकर सही काम कर रहे हैं.