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बिहार के कई जिलों में दिखा भारत बंद का असर, हड़ताल पर गए कर्मियों ने किया उग्र प्रदर्शन

बिहार के कई जिलों में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. माकपा समेत कई संगठनों के लोग सुबह से ही सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

भारत बंद का असर
भारत बंद का असर
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Published : Jan 8, 2020, 11:29 PM IST

पटना: राज्य में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर आज भारत बंद का आयोजन किया गया. इस बंद के समर्थन में भाकपा माले और खेमस के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते दिखे. इस बंद के समर्थन में प्रदेश के कई जिलों में भी बंद का आयोजन किया गया था.

मसौढ़ी में भी दिखा बंद का असर
मसौढ़ी जिले में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर बुधवार को भारत बंद का असर दिखा. इस दौरान पूरा मसौढ़ी बाजार साम्प्रदायिक बंटवारा नहीं अधिकार चाहिए, रोजी-रोटी, सामाजिक सुरक्षा और संम्मान चाहिए के नारों से गूंजता रहा.

बेतिया से ईटीवी भारत की रिपोर्ट
  • बंद का आयोजन कर रहे ट्रेड यूनियन के मुख्य मांगे थी
  • न्यूनतम मासिक मजदूरी 21 हजार रुपये और मजदूरों को 10 हजार का पेंशन सरकार को देना.
  • बीमार और बंद उद्योग को सरकार अविलंब चालू करें.
  • पथ परिवहन सुरक्षा विधयेक 2014 और मोटर वाहन अधिनियम 2019 सरकार जल्द से जल्द वापस ले.
  • सरकारी कंपनियों का सरकार निजीकरण बंद करें. समान काम के लिए समान वेतन जल्द से जल्द लागू हो.
  • इसके अलावे अन्य कई मांगो को लेकर भी बंद का आयोजन किया गया था.
    बेगूसराय से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

    हड़ताल से अस्त व्यस्त रहा बेगूसराय
    बेगूसराय जिले में भी ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. माकपा समेत कई संगठनों के लोग सुबह से ही सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एनएच 31 को जाम कर प्रदर्शन किया.
    बता दें कि जिले के आठ किसान संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया था. इनकी मांग ज्यादातर किसानों से जुड़ी समस्या से संबंधित थी. उनका कहना था कि जबतक किसान विरोधी कानूनों और नीतियों को केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती. इसी तरह हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
    किशनगंज से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किशनगंज में भी दिखा व्यापक असर
किशनगंज जिले में भी बंद का काफी असर देखने को मिला. यहां पर बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ ने हड़ताल का आह्वान किया था. सुबह से ही बड़ी तादाद में रसोइयों ने शहर के शुबशपल्ली चौक से पश्चिमपाली होते हुए एनएच को जाम कर दिया. उनलोगो ने अपनी विभिन मांगो को लेकर सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

लखीसराय से ईटीवी भारत की रिपोर्ट
रसोइया संघ अपनी मांगों को लेकर उतरे सड़क परइस दौरान बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के जिलाध्यक्ष मो. मूसा ने कहा कि हमलोग अपने हक की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हैं. हमरी सरकार से मांग है कि हमारी रसोइया बहनों को उनके काम का अनुसार मेहनताना मिले. नहीं तो इस विधानसभा चुनाव में उनको बता देंगे.

रसोइयों की मांग

रसोइयों को चतुर्थ कर्मचारी का दर्जा मिले

न्यूनतम 18 हजार रुपये वेतन करने की मांग.

साल में 12 महीने का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से हो

मानसिक पेंशन न्यूनतम 3 हजार रुपये हो
बता दें कि अन्य मांगों समेत कुल 14 मांगो को लेकर रसोइयों ने धरना प्रदर्शन किया

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बेतिया में दिखा भारत बंद का असर
बेतिया जिले में भी केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे वामपंथी और अन्य दलों के बंद का असर देखने को मिला. जहां वामपंथी संगठन के साथ-साथ अन्य संगठन भी सड़क पर उतर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस बंद के दौरान सीएए, एनआरसी और जेएनयू पर हुए हमले के विरोध में हाथों में तख्ती, बैनर लेकर कॉलेज की छात्राओं के साथ कई संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया. वहीं, प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

लखीसराय में भी बंद का असर
लखीसराय जिले में भी कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद का आवाहन किया. जिसका असर जिले में सुबह से ही देखने को मिला. बता दें कि अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को बिहार- झारखंड के कई संगठनों ने समर्थन किया है. वहीं, इस बंद में सैकड़ों लोग शामिल हुए.
बता दें कि एआईएसएफ छात्र संगठन ने जिले के शहीद द्वार पर हंगामा करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन लखीसराय जिला परिषद की तरफ से भी जेएनयू के मुद्दे को लेकर गृह मंत्री का पुतला दहन किया गया. वहीं, इस मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

पटना: राज्य में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर आज भारत बंद का आयोजन किया गया. इस बंद के समर्थन में भाकपा माले और खेमस के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते दिखे. इस बंद के समर्थन में प्रदेश के कई जिलों में भी बंद का आयोजन किया गया था.

मसौढ़ी में भी दिखा बंद का असर
मसौढ़ी जिले में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर बुधवार को भारत बंद का असर दिखा. इस दौरान पूरा मसौढ़ी बाजार साम्प्रदायिक बंटवारा नहीं अधिकार चाहिए, रोजी-रोटी, सामाजिक सुरक्षा और संम्मान चाहिए के नारों से गूंजता रहा.

बेतिया से ईटीवी भारत की रिपोर्ट
  • बंद का आयोजन कर रहे ट्रेड यूनियन के मुख्य मांगे थी
  • न्यूनतम मासिक मजदूरी 21 हजार रुपये और मजदूरों को 10 हजार का पेंशन सरकार को देना.
  • बीमार और बंद उद्योग को सरकार अविलंब चालू करें.
  • पथ परिवहन सुरक्षा विधयेक 2014 और मोटर वाहन अधिनियम 2019 सरकार जल्द से जल्द वापस ले.
  • सरकारी कंपनियों का सरकार निजीकरण बंद करें. समान काम के लिए समान वेतन जल्द से जल्द लागू हो.
  • इसके अलावे अन्य कई मांगो को लेकर भी बंद का आयोजन किया गया था.
    बेगूसराय से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

    हड़ताल से अस्त व्यस्त रहा बेगूसराय
    बेगूसराय जिले में भी ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. माकपा समेत कई संगठनों के लोग सुबह से ही सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने एनएच 31 को जाम कर प्रदर्शन किया.
    बता दें कि जिले के आठ किसान संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया था. इनकी मांग ज्यादातर किसानों से जुड़ी समस्या से संबंधित थी. उनका कहना था कि जबतक किसान विरोधी कानूनों और नीतियों को केंद्र सरकार वापस नहीं ले लेती. इसी तरह हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
    किशनगंज से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किशनगंज में भी दिखा व्यापक असर
किशनगंज जिले में भी बंद का काफी असर देखने को मिला. यहां पर बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ ने हड़ताल का आह्वान किया था. सुबह से ही बड़ी तादाद में रसोइयों ने शहर के शुबशपल्ली चौक से पश्चिमपाली होते हुए एनएच को जाम कर दिया. उनलोगो ने अपनी विभिन मांगो को लेकर सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

लखीसराय से ईटीवी भारत की रिपोर्ट
रसोइया संघ अपनी मांगों को लेकर उतरे सड़क परइस दौरान बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ के जिलाध्यक्ष मो. मूसा ने कहा कि हमलोग अपने हक की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हैं. हमरी सरकार से मांग है कि हमारी रसोइया बहनों को उनके काम का अनुसार मेहनताना मिले. नहीं तो इस विधानसभा चुनाव में उनको बता देंगे.

रसोइयों की मांग

रसोइयों को चतुर्थ कर्मचारी का दर्जा मिले

न्यूनतम 18 हजार रुपये वेतन करने की मांग.

साल में 12 महीने का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से हो

मानसिक पेंशन न्यूनतम 3 हजार रुपये हो
बता दें कि अन्य मांगों समेत कुल 14 मांगो को लेकर रसोइयों ने धरना प्रदर्शन किया

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बेतिया में दिखा भारत बंद का असर
बेतिया जिले में भी केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे वामपंथी और अन्य दलों के बंद का असर देखने को मिला. जहां वामपंथी संगठन के साथ-साथ अन्य संगठन भी सड़क पर उतर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस बंद के दौरान सीएए, एनआरसी और जेएनयू पर हुए हमले के विरोध में हाथों में तख्ती, बैनर लेकर कॉलेज की छात्राओं के साथ कई संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया. वहीं, प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

लखीसराय में भी बंद का असर
लखीसराय जिले में भी कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद का आवाहन किया. जिसका असर जिले में सुबह से ही देखने को मिला. बता दें कि अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को बिहार- झारखंड के कई संगठनों ने समर्थन किया है. वहीं, इस बंद में सैकड़ों लोग शामिल हुए.
बता दें कि एआईएसएफ छात्र संगठन ने जिले के शहीद द्वार पर हंगामा करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन लखीसराय जिला परिषद की तरफ से भी जेएनयू के मुद्दे को लेकर गृह मंत्री का पुतला दहन किया गया. वहीं, इस मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

Intro:केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त आह्वान पर आज भारत बंद का अशर मसौढ़ी में भी दिखा,
भाकपा माले और खेमस द्वारा मसौढ़ी बंद का आह्वान किया गया,
सुबह से ही माले कार्यकर्ता और खेमस कार्यकर्ता सड़कों पर झंडे और बैनर के साथ पर्दर्शन करते दिखे,
पूरा मसौढ़ी बाजार साम्प्रदायिक बंटवारा नहीं अधिकार चाहिए रोजी रोटी सामाजिक सुरक्षा और संम्मान चाहिए के नारों के साथ मसौढ़ी बाजार गूंजता रहा।


Body:आज केंद्रीय ट्रेड यूनियन का भारत बंद का आह्वान का अशर मसौढ़ी शहर में भी देखने को मिला।आज सुबह से ही भाकपा माले कार्यकर्ता और खेत मजदूर संघ खेमस द्वारा मसौढ़ी के सड़कों पर झंडे और बैनर के साथ पर्दर्शन करते दिखे।ट्रेड यूनियन के मुख्य मांगे थी 1- न्यूनतम मासिक मजदूरी 21000 रुपये और मजदूरों को 10 हजार का पेंशन सरकार को देना होगा,2-बीमार और बंद उद्योग को सरकार अविलंब चालू करे,
3-पथ परिवहन सुरक्षा विधयेक 2014 एवं मोटर वाहन अधिनियम 2019 सरकार जल्द से जल्द वापिस ले,
4-सरकारी कंपनियों का सरकार निजीकरण बंद करे,समान काम समान वेतन जल्द से जल्द लागू हो इतियादी मांगों के साथ आज मसौढ़ी में दिन भर पर्दर्शन चलता रहा।
पर्दर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि अगर सरकार जल्द से जल्द इन सभी मांगों पर अमल नहीं करती तो ये पर्दर्शन और भी उग्र होगा।अभी जो मार्च शांति पूर्ण तरीके से चलाया जा रहा है वो काफी उग्र हो जाएगा जिसकी दोषी पूर्ण रूप से सत्त्ताधारी सरकार होगी।




Conclusion:बाइट:-माले कार्यकर्ता
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