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पटना: IMA सेक्रेटरी ने योग गुरु रामदेव पर दर्ज कराई कई धाराओं में FIR

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और योग गुरु रामदेव के बीच एलोपैथ वर्सेस आयुर्वेद का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है और जब से रामदेव ने एलोपैथिक चिकित्सा पर सवाल खड़े किए हैं, आइएमए सब कुछ छोड़ कर योग गुरु के पीछे पड़ गया है.

IMA सेक्रेटरी ने बाबा रामदेव पर दर्ज कराई कई धाराओं में FIR
IMA सेक्रेटरी ने बाबा रामदेव पर दर्ज कराई कई धाराओं में FIR
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Published : Jun 8, 2021, 1:17 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 2:25 PM IST

पटना: बाबा रामदेव (Baba Ramdev) बाबा पर सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई कराए जाने को लेकर आइएमए (IMA) लगातार मुहिम चला रहा है और इस मुहिम के तहत बीते दिनों आईएमए (Indian Medical Association) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आईएमए बिहार की सभी इकाई स्थानीय थाना में बाबा रामदेव के ऊपर एफआईआर दर्ज कराएगी.

इसी के तहत सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के सेक्रेटरी डॉ सुनील कुमार ने कंकड़बाग के पत्रकार नगर थाना में बाबा रामदेव के ऊपर कई धाराओं में केस दर्ज कराई है.

कई धाराओं में बाबा रामदेव पर मामला दर्ज
अपने एफआईआर में डॉ सुनील कुमार ने खुद को पटना आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों की संस्था राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा संघ की राज्य शाखा के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में बताते हुए मामला दर्ज कराया है, कि रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव, पता पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, महर्षी दयानंद ग्राम दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाईवे, थाना हरिद्वार, उत्तराखंड को भारत के विरुद्ध इपिडिमिक डिजीज एक्ट 1897 की धारा 3, बिहार एपिडेमिक डीजी कोविड-19 रेगुलेशन 2020, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं आईपीसी 1860 की धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है.

ये भी पढ़ें- Black Day: डॉक्टरों ने बाबा रामदेव का काली पट्टी बांधकर जताया विरोध, एपिडेमिक एक्ट के तहत गिरफ्तारी की मांग

योग गुरु वर्सेज IMA
डॉ सुनील कुमार ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि जब पूरा देश कोरोना के अत्यंत खतरनाक दूसरी लहर से जूझ रहा था और हजारों रोगियों की जान बचाने में चिकित्सक अपनी जान दे रहे थे, उस समय बाबा रामदेव ने पब्लिक प्लेटफॉर्म से आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ऑक्सीजन थेरेपी, सरकार द्वारा स्वीकृत दवाओं एवं टिकाओं के खिलाफ जानबूझकर गलत दुर्भावनापूर्ण वक्तव्य किया और सही चिकित्सकों का अपमान किया.

डॉ सुनील कुमार ने आवेदन में लिखा है कि बाबा रामदेव ने कोरोना मरीजों को सलाह दी, कि वे आधुनिक चिकित्सा पद्धति से इलाज ना कराएं क्योकि उससे उनके मरने की संभावना बढ़ जाती है और उनके कथन अनुसार कोरोना का टीका बिल्कुल बेकार है. डॉ सुनील कुमार ने आवेदन में यह भी लिखा है कि बाबा रामदेव के इन वक्तव्य के कारण बहुत सारे कोरोना संक्रमित लोग अस्पतालों में समय पर नहीं आ रहे हैं और इस वजह से उनकी मौत भी हो रही है. उन्होंने आवेदन में लिखा है कि उपयुक्त कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई करते हेतु बाबा रामदेव को दंड दिलाया जाए.

ये भी पढ़ें- Corona Vaccination: नालंदा में विदेशी छात्रों ने लिया कोरोना वैक्सीन

रामदेव के बयान पर मचा है घमासान
दरअसल, बाबा रामदेव का एक बयान दिया था जिसमें उन्होने कहा था कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं, तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं. रामदेव के इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी नाराजगी जताई है. साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.

पटना: बाबा रामदेव (Baba Ramdev) बाबा पर सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई कराए जाने को लेकर आइएमए (IMA) लगातार मुहिम चला रहा है और इस मुहिम के तहत बीते दिनों आईएमए (Indian Medical Association) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आईएमए बिहार की सभी इकाई स्थानीय थाना में बाबा रामदेव के ऊपर एफआईआर दर्ज कराएगी.

इसी के तहत सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के सेक्रेटरी डॉ सुनील कुमार ने कंकड़बाग के पत्रकार नगर थाना में बाबा रामदेव के ऊपर कई धाराओं में केस दर्ज कराई है.

कई धाराओं में बाबा रामदेव पर मामला दर्ज
अपने एफआईआर में डॉ सुनील कुमार ने खुद को पटना आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों की संस्था राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा संघ की राज्य शाखा के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में बताते हुए मामला दर्ज कराया है, कि रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव, पता पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, महर्षी दयानंद ग्राम दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाईवे, थाना हरिद्वार, उत्तराखंड को भारत के विरुद्ध इपिडिमिक डिजीज एक्ट 1897 की धारा 3, बिहार एपिडेमिक डीजी कोविड-19 रेगुलेशन 2020, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं आईपीसी 1860 की धाराओं में मामला दर्ज कराया गया है.

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योग गुरु वर्सेज IMA
डॉ सुनील कुमार ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि जब पूरा देश कोरोना के अत्यंत खतरनाक दूसरी लहर से जूझ रहा था और हजारों रोगियों की जान बचाने में चिकित्सक अपनी जान दे रहे थे, उस समय बाबा रामदेव ने पब्लिक प्लेटफॉर्म से आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ऑक्सीजन थेरेपी, सरकार द्वारा स्वीकृत दवाओं एवं टिकाओं के खिलाफ जानबूझकर गलत दुर्भावनापूर्ण वक्तव्य किया और सही चिकित्सकों का अपमान किया.

डॉ सुनील कुमार ने आवेदन में लिखा है कि बाबा रामदेव ने कोरोना मरीजों को सलाह दी, कि वे आधुनिक चिकित्सा पद्धति से इलाज ना कराएं क्योकि उससे उनके मरने की संभावना बढ़ जाती है और उनके कथन अनुसार कोरोना का टीका बिल्कुल बेकार है. डॉ सुनील कुमार ने आवेदन में यह भी लिखा है कि बाबा रामदेव के इन वक्तव्य के कारण बहुत सारे कोरोना संक्रमित लोग अस्पतालों में समय पर नहीं आ रहे हैं और इस वजह से उनकी मौत भी हो रही है. उन्होंने आवेदन में लिखा है कि उपयुक्त कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई करते हेतु बाबा रामदेव को दंड दिलाया जाए.

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रामदेव के बयान पर मचा है घमासान
दरअसल, बाबा रामदेव का एक बयान दिया था जिसमें उन्होने कहा था कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं, तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं. रामदेव के इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी नाराजगी जताई है. साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.

Last Updated : Jun 8, 2021, 2:25 PM IST
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