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बिहार में कोरोना से 96 डॉक्टरों की मौत, IMA बिहार ने जांच कमेटी का किया गठन

कोरोना ने देशभर में कोहराम मचा रखा है. जानलेवा वायरस की चपेट में लोगों की ढाल बने डॉक्टर भी आ गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक दूसरी लहर में दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा 96 डॉक्टरों की मौत बिहार में हुई है. इतनी बड़ी तादाद में डॉक्टरों की हुई मौत ने बिहार के चिकित्सा जगत को हिलाकर रख दिया है.

पटना
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Published : May 22, 2021, 4:21 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की फर्स्ट वेव में जहां 40 से अधिक चिकित्सकों की जान गई है, तो वहीं दूसरी लहर में भी 96 चिकित्सकों की जान जा चुकी है. शनिवार के दिन पटना के वरिष्ठ यूरोलॉजी चिकित्सक डॉक्टर केके कंठ की कोरोना से अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

ये भी पढ़ें- प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट डॉ. केके कंठ का कोरोना से निधन, रूबन हॉस्पिटल में चल रहा था इलाज

96 डॉक्टरों की मौत से हड़कंप
बिहार में जिस प्रकार से दूसरे लहर में वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना से चिकित्सकों की मौतों की संख्या बढ़ी है, इससे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की नींद उड़ गई है. आईएमए बिहार ने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो ये पता लगाएगी कि आखिर क्या वजह है, कि इतनी अधिक संख्या में चिकित्सकों की मौत हो रही हैं.

जांच कमेटी का गठन
इस 8 सदस्यीय जांच कमेटी के चेयरमैन आईएमए के नेशनल प्रेसिडेंट डॉक्टर सहजानंद सिंह हैं. डॉक्टर सहजानंद ने बताया कि वो पता लगाएंगे कि कोरोना काल में जिन चिकित्सकों की मौतें हुई हैं, उसकी वजह क्या है. इसके अलावा जांच कमेटी में डॉ.अजय कुमार, डॉ. कैप्टन सिंह, डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डॉ. बसंत सिंह, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. राजीव रंजन और डॉ. सुनील कुमार को शामिल किया गया है.

ये भी पढे़ं- टीकाकरण में सरकार ने स्टॉक और डब्ल्यूएचओ गाइडलाइंस को किया नजरअंदाज: सीरम निदेशक

''अभी कोरोना काल चल रहा है, ऐसे में अभी के समय सरकार से इसके लिए मुआवजे की मांग करना उचित नहीं है. मगर जब कोरोना ढलान पर होगा और प्रदेश में स्थिति कंट्रोल में आ जाएगी, तब कोरोना से शहीद होने वाले चिकित्सकों को सरकार की तरफ से सहायता राशि मुहैया कराने के लिए आईएमए हर संभव प्रयास करेगा.''- डॉ. सहजानंद सिंह, नेशनल प्रेसिडेंट, आईएमए

मौत की वजह का लगाएंगे पता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉक्टर सहजानंद सिंह ने बताया कि वह प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सकों की मौत की जांच करेंगे और उसकी वजह जानेंगे. सरकार की अपील पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक भी अपना क्लीनिक खोलकर मरीज को देख रहे हैं. ऐसे में वह संक्रमण की चपेट में आते हैं और उन्हें कुछ हो जाता है तो इनके बारे में भी सरकार को सोचना होगा.

सरकार से करेंगे मुआवजे की मांग
उन्होंने कहा कि वाले समय में वह सरकार से मांग करेंगे कि सभी प्राइवेट चिकित्सकों को भी सरकारी चिकित्सकों जैसा 50 लाख की बीमा राशि का लाभ मिले. अभी यह देखने को मिल रहा है कि छोटे अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की मौतें काफी हो रही है और इसकी प्रमुख वजह यह सामने आ रही है कि शुरुआती समय में उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाया ऐसे में ये कमेटी जांच करेगी और स्थिति सामान्य होने पर रिपोर्ट के आधार पर शहीद डॉक्टरो के परिजनों को सहायता राशि दिलवाने का काम करेगी.

ये भी पढ़ें- लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत, CBI ने DLF रिश्वत मामले में दी क्लीन चिट

डॉक्टर सहजानंद सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अभी के समय सभी अस्पतालों में दो बेड डॉक्टरों के लिए रिजर्व किए जाएं और राजधानी पटना में अभी 90 प्राइवेट अस्पतालों में ही सरकार की तरफ से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है, जबकि पटना में प्राइवेट हॉस्पिटल की संख्या 200 से अधिक है. ऐसे में सरकार प्रदेश के सभी कोविड हॉस्पिटल और नन कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की उपलब्धता कराएं, क्योंकि नन कोविड-19 हॉस्पिटल भी मानवता के नाते गंभीर कोरोना मरीजों को आईसीयू में एडमिट कर रहे हैं और उनका इलाज कर रहे हैं.

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की फर्स्ट वेव में जहां 40 से अधिक चिकित्सकों की जान गई है, तो वहीं दूसरी लहर में भी 96 चिकित्सकों की जान जा चुकी है. शनिवार के दिन पटना के वरिष्ठ यूरोलॉजी चिकित्सक डॉक्टर केके कंठ की कोरोना से अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

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96 डॉक्टरों की मौत से हड़कंप
बिहार में जिस प्रकार से दूसरे लहर में वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना से चिकित्सकों की मौतों की संख्या बढ़ी है, इससे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की नींद उड़ गई है. आईएमए बिहार ने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो ये पता लगाएगी कि आखिर क्या वजह है, कि इतनी अधिक संख्या में चिकित्सकों की मौत हो रही हैं.

जांच कमेटी का गठन
इस 8 सदस्यीय जांच कमेटी के चेयरमैन आईएमए के नेशनल प्रेसिडेंट डॉक्टर सहजानंद सिंह हैं. डॉक्टर सहजानंद ने बताया कि वो पता लगाएंगे कि कोरोना काल में जिन चिकित्सकों की मौतें हुई हैं, उसकी वजह क्या है. इसके अलावा जांच कमेटी में डॉ.अजय कुमार, डॉ. कैप्टन सिंह, डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डॉ. बसंत सिंह, डॉ. डीपी सिंह, डॉ. राजीव रंजन और डॉ. सुनील कुमार को शामिल किया गया है.

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मौत की वजह का लगाएंगे पता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट डॉक्टर सहजानंद सिंह ने बताया कि वह प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सकों की मौत की जांच करेंगे और उसकी वजह जानेंगे. सरकार की अपील पर प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक भी अपना क्लीनिक खोलकर मरीज को देख रहे हैं. ऐसे में वह संक्रमण की चपेट में आते हैं और उन्हें कुछ हो जाता है तो इनके बारे में भी सरकार को सोचना होगा.

सरकार से करेंगे मुआवजे की मांग
उन्होंने कहा कि वाले समय में वह सरकार से मांग करेंगे कि सभी प्राइवेट चिकित्सकों को भी सरकारी चिकित्सकों जैसा 50 लाख की बीमा राशि का लाभ मिले. अभी यह देखने को मिल रहा है कि छोटे अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की मौतें काफी हो रही है और इसकी प्रमुख वजह यह सामने आ रही है कि शुरुआती समय में उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाया ऐसे में ये कमेटी जांच करेगी और स्थिति सामान्य होने पर रिपोर्ट के आधार पर शहीद डॉक्टरो के परिजनों को सहायता राशि दिलवाने का काम करेगी.

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