पटना: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. इसके विरोध में 8 जून को प्रदेश के सभी डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. यह हड़ताल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगी. इस दौरान इमरजेंसी सेवा बाधित नहीं रहेगी. गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका एलान किया है.
गुरुवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आईएमए ने कहा कि बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निजी चिकित्सा केंद्रों पर मनमाने ढ़ंग से कार्रवाई कर रहे हैं. जबकि कानून के अंतर्गत सभी वैधानिक संस्थानों में जागरूकता चलाने की जिम्मेदारी बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है.
प्रदूषण बोर्ड पर भ्रष्टाचार का आरोप
आईएमए ने कहा कि बिहार प्रदूषण बोर्ड को सील किए गए क्लिनिक को खोलने और आइएमए बिहार से बातचीत करने के बजाय नए संस्थानों पर नोटिस एवं बंद करने की कार्रवाई कर रही है. राज्य के हजारों सरकारी अस्पतालों में अभी भी ईटीपी, एसटीपी उपलब्ध नहीं है. जबकि प्राइवेट अस्पतालों पर जबरन ईटीपी, एसटीपी मशीनें लगाने की बात कर रहे हैं. आईएमए ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वहीं, बीते दिनों सिवान में डॉक्टर पर जानलेवा हमले को लेकर सिपाही के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है. इसके अलावा सुरक्षा कानून में 3 वर्ष की सजा को 10 वर्ष करने की भी मांग कर रहे हैं.
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मांग
आईएमए ने बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से यह मांग की है कि चिकित्सकों को नोटिस देने के बाद उसे समय दिया जाए. ताकि वह नियमावली को समझे और व्यवस्था कर सकें. लेकिन बताया जा रहा है कि प्रदूषण विभाग द्वारा नोटिस देने के कुछ ही दिन बाद उसे सील कर दिया जा रहा है, जो कानूनन गलत है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, डॉ. अजय कुमार, डॉ. बीके कारक, डॉ. बृजनंदन कुमार, डॉ. सच्चिदानंद कुमार सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे.
दरअसल, प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का पालन नहीं करने के आरोप में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई निजी क्लीनिक एवं नर्सिंग होम को सील कर दिया है. इससे चिकित्सकों में गुस्सा है.
चिकित्सकों से की अपील
बहरहाल, आईएमए ने प्रदेश भर के सभी सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सकों से अपील की है कि वे 8 जून को प्रस्तावित सामूहिक हड़ताल में शामिल हों. आईएमए ने बिहार के सभी चिकित्सक संघ के पदाधिकारियों और वरीय सदस्यों के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया है. सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से मुक्त रखा जाएगा.