पटना: COVID-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के तीन प्रमुख मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोरोना अस्पताल के रूप में बदल दिया है. इनमें पहला पटना, दूसरा भागलपुर और तीसरा गया में हैं. इन तीनों अस्पतालों में कोरोना मरीजों को दो श्रेणी में बांटकर इलाज की व्यवस्था की गई है. यहां बेड की संख्या तो पर्याप्त है, लेकिन आइसीयू और वेंटिलेटर की संख्या बेड के अनुपात में काफी कम है. इस कमी को दूर करने की कवायद अब सरकार ने शुरू कर दी है.
ICU की संख्या बढ़ाने के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने पिछले दो दिनों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखने के बाद किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना विकास निगम को इन अस्पतालों के लिए कम से कम और 30 वेंटिलेटर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इन अस्पतालों में आइसीयू की संख्या बढ़ाने के लिए भी अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं.
जानें NMCH में कितने बेड
स्वास्थ्य सूत्रों की मानें तो तीन अस्पताल मिलाकर कम से कम 50 आइसीयू बेड और इतनी ही संख्या में वेंटिलेटर बढ़ाए जाने के निर्देश हैं. फिलहाल पटना के एनएमसीएच कोरोना अस्पताल में 800 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है. यहां अभी 20 आइसीयू बेड और 20 वेंटिलेटर हैं. इन दोनों की संख्या बढा़कर 40-40 की जानी है.
ANMCH और JLNMCH में बेडों की संख्या
दूसरी ओर गया के एएनएमसीएच में 544 आइसोलेशन बेड और 60 आइसीयू और 18 वेंटिलेटर हैं. यहां आइसीयू बेड की संख्या 75 और वेंटिलेटर की संख्या 33 की जानी है. जबकि जेएलएनएमसीएच भागलपुर में आइसीयू की संख्या 36 से बढा़कर 51 और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाकर 12 से बढ़ाकर 27 की जानी है. सूत्रों की मानें तो आदेश के आलोक में निगम आवश्यक सामान बाजार दर से खरीदने की प्रक्रिया कर रहा है. संभावना जताई गई है कि अगले सप्ताह तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा.