पटना: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, नया मोर्चा भी बन रहा है. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने हाशिये पर पहुंचे नेताओं के साथ तीसरा मोर्चा बनाया है, जो विधानसभा चुनाव में एनडीए को टक्कर देगा. यशवंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभियान चलाया था. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी, अब वो नए अभियान के साथ बिहार में उतरे हैं.
विधान सभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां दल बदल शुरू है. वहीं, नया फ्रंट भी बनना शुरू हो गया है. यशवंत सिन्हा ने तीसरा मोर्चा बनाने का दावा किया है और बिहार को बदलने की बात कही है. यशवंत सिन्हा और उनके साथ जितने लोग अभी दिख रहे हैं, चाहे वो नागमणि हो, या नरेंद्र सिंह, देवेंद्र यादव या रेणु कुशवाहा हो ये सभी बिहार की राजनीति में हाशिए पर पहुंचे हुए हैं. इस पर विशेषज्ञ की मानें तो बिहार में जिन नेताओं के पास अपना वोट बैंक है वो या तो एनडीए में हैं या फिर महागठबंधन खेमे में. यशवंत सिन्हा और उनके साथ जो लोग हैं, उनका ज्यादा फॉलोअर्स नहीं हैं. ऐसे में थर्ड फ्रंट कुछ कर पाएगा, ऐसा दिख नहीं रहा है.
एनडीए नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में एनडीए के अलावा किसी के लिए कोई जगह नहीं है. यशवंत सिन्हा और उनके साथ जो लोग हैं वो परेशान आत्मा हैं. राजनीतिक फ्रंट संघर्ष से बनता है लेकिन ये लोग पैराशूट से गिरे हुए हैं. चुनाव के समय दिखने लग जाते हैं. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अजफर शमशी ने कहा ये हारे, थके और निराश लोग हैं. ऐसे भी बिहार में किसी फ्रंट के लिए कोई जगह नहीं है.
बिहार विधानसभा चुनाव में दिखेंगे कई फ्रंट?
बिहार में पहले से राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मोर्चा खोल रखा है. दूसरा मोर्चा पुष्पम प्रिया चौधरी खोल रही हैं. और अब एक नया मोर्चा यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में चुनौती देने की कोशिश करने वाला है. ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है. एक तरफ एनडीए एकजुट है, तो वहीं महागठबंधन बिखरा बिखरा सा है. अब एक के बाद एक फ्रंट बनने शुरू हो रहे हैं. लिहाजा देखना है कि यशवंत सिन्हा हाशिए पर पहुंचे नेताओं के साथ बिहार विधानसभा चुनाव में क्या कुछ कर पाते हैं.