पटना: देश का आम बजट 1 फरवरी को आने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी. इस बजट को लेकर बिहार के आर्थिक विशेषज्ञ बेहतर उम्मीद कर रहे हैं. बिहार के अर्थशास्त्री एनके चौधरी की माने, तो बिहार जैसे राज्यों के विकास के बिना देश का विकास संभव ही नहीं है इसलिए बिहार जैसे राज्यों में इन्वेस्टमेंट जरूरी है. कृषि जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र सरकार आम बजट में कोई बड़ा फैसला ले सकती है.
एनके चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि देश में आर्थिक सुस्ती है और सरकार भी चाहेगी कि आने वाले सालों में अधिक से अधिक इन्वेस्टमेंट हो. इसका भी भी लाभ बिहार को मिलेगा. अर्थशास्त्री ने कहा कि बिहार में कृषि की अपार संभावना है. कृषि आधारित उद्योगों से बिहार की किस्मत बदली जा सकती है. एनके चौधरी का यह भी कहना है कि पूर्वांचल के विकास के बिना, जिसमें बिहार भी शामिल है. देश का विकास संभव नहीं है.
'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी'
एनके चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस तर्क में दम है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए क्योंकि हम लोग पहले से कहते रहे हैं कि बिहार जैसे राज्यों के लिए अलग से व्यवस्था करने की जरूरत है.
डबल डिजिट ग्रोथ के बाद भी बिहार विकसित नहीं
बिहार का पिछले एक दशक से भी अधिक समय से डबल डिजिट ग्रोथ रेट है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई मौकों पर बिहार के ग्रोथ रेट का जिक्र भी करते रहे हैं और यह भी कहते रहे हैं कि इस तरह का ग्रोथ रेट बना रहे तब भी विकसित राज्यों की श्रेणी में आने में कई साल लग जाएंगे. इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है, जिससे विकसित राज्यों की श्रेणी में आने में आसानी हो सके. लेकिन विशेष राज्य का दर्जा फिलहाल, मिलने की कोई उम्मीद नहीं है इसलिए अर्थशास्त्री कहते हैं कि बिहार जैसे राज्यों में हैवी इन्वेस्टमेंट का फैसला केंद्र सरकार ले सकती है. ऐसे अब देखना है आम बजट में बिहार के लिए क्या कुछ होता है.