ETV Bharat / state

गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को दिया निर्देश, सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क करें शुरू

बिहार सरकार के गृह विभाग (Home Department) ने पुलिस मुख्यालय को राज्य के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क (Women Help Desk) शुरू करने का निर्देश दिया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से बताया गया कि राज्य के 240 थाना और ओपी में से 109 में लैंडलाइन फोन लगाया गया है.

police headquarters
पुलिस मुख्यालय
author img

By

Published : Jul 22, 2021, 10:46 PM IST

पटना: बिहार सरकार के गृह विभाग (Home Department) ने पुलिस मुख्यालय को राज्य के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क (Women Help Desk) शुरू करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही गृह विभाग ने राष्ट्रीय मानक के अनुसार बिहार के थानों में सुविधा देने के लिए जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें- Patna: आपराधिक घटनाओं से फैली दहशत, लोगों ने कहा- सड़क पर निकलने में लगता है डर

गृह विभाग ने एसडीओ और एसडीपीओ को भूमि विवाद सुलझाने का निर्देश दिया है. कहा गया है कि सभी एसडीओ और एसडीपीओ भूमि विवाद सुलझाने के लिए बैठक करें. इसके अलावा कब्रिस्तान घेराबंदी को लेकर सभी जिलों में निर्धारित समय में योजनाएं पूरी करने और जिलों से नए आवंटन लेने के निर्देश दिए गए हैं. गृह विभाग ने निर्देश दिया कि 'बिहार मंदिर चहारदीवारी योजना' के तहत ऑनलाइन पोर्टल लांच कर सभी जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया जाए. सभी जिलों में बचे हुए मंदिरों के चहारदीवारी निर्माण के लिए योजनाएं आमंत्रित की जाएं.

बैठक के दौरान पुलिस मुख्यालय की ओर से बताया गया कि राज्य के 240 थाना और ओपी में से 109 में लैंडलाइन फोन लगाया गया है. अन्य थानों में लैंडलाइन के विकल्प तलाशने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस मुख्यालय को एक प्लान बनाकर प्रत्येक थाना और क्षेत्रीय कार्यालय के लिए फोन शुल्क के लिए मासिक खर्च निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं.

गृह विभाग के पत्र के मुताबिक बिहार में अभी भी 97 थाने और 47 ओपी भूमिहीन है. गृह विभाग की बैठक में इसकी समीक्षा की गई है. समीक्षा में कहा गया है कि भूमिहीन थानों और ओपी में से 34 थानों और 9 ओपी का प्रस्ताव एनओसी के लिए दिया गया है. 43 अनापत्ति, 53 लीज और भू-अर्जन तथा 17 जगहों पर थाना व ओपी निर्माण के लिए सरकारी भूमि चिह्नित की गई है. 53 जगहों पर लीज के लिए एक करोड़ रुपये से कम लागत के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि बिहार में 1096 थाने और 264 ओपी हैं. थानों में बनने वाले 660 आगंतुक कक्ष में से अब तक मात्र 34 जगहों पर आगंतुक कक्ष का निर्माण किया गया है. पुलिस मुख्यालय द्वारा गृह विभाग को प्रस्ताव दिया गया कि दंगा जैसे विषयों को दूसरे रूप से नामांकित और वर्गीकरण किया जाए.

यह भी पढ़ें- शादी टूटने के गम में युवक बन बैठा बवाली, फोन हैक करके SP बनकर झाझा SHO को दी गाली

पटना: बिहार सरकार के गृह विभाग (Home Department) ने पुलिस मुख्यालय को राज्य के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क (Women Help Desk) शुरू करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही गृह विभाग ने राष्ट्रीय मानक के अनुसार बिहार के थानों में सुविधा देने के लिए जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें- Patna: आपराधिक घटनाओं से फैली दहशत, लोगों ने कहा- सड़क पर निकलने में लगता है डर

गृह विभाग ने एसडीओ और एसडीपीओ को भूमि विवाद सुलझाने का निर्देश दिया है. कहा गया है कि सभी एसडीओ और एसडीपीओ भूमि विवाद सुलझाने के लिए बैठक करें. इसके अलावा कब्रिस्तान घेराबंदी को लेकर सभी जिलों में निर्धारित समय में योजनाएं पूरी करने और जिलों से नए आवंटन लेने के निर्देश दिए गए हैं. गृह विभाग ने निर्देश दिया कि 'बिहार मंदिर चहारदीवारी योजना' के तहत ऑनलाइन पोर्टल लांच कर सभी जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया जाए. सभी जिलों में बचे हुए मंदिरों के चहारदीवारी निर्माण के लिए योजनाएं आमंत्रित की जाएं.

बैठक के दौरान पुलिस मुख्यालय की ओर से बताया गया कि राज्य के 240 थाना और ओपी में से 109 में लैंडलाइन फोन लगाया गया है. अन्य थानों में लैंडलाइन के विकल्प तलाशने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस मुख्यालय को एक प्लान बनाकर प्रत्येक थाना और क्षेत्रीय कार्यालय के लिए फोन शुल्क के लिए मासिक खर्च निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं.

गृह विभाग के पत्र के मुताबिक बिहार में अभी भी 97 थाने और 47 ओपी भूमिहीन है. गृह विभाग की बैठक में इसकी समीक्षा की गई है. समीक्षा में कहा गया है कि भूमिहीन थानों और ओपी में से 34 थानों और 9 ओपी का प्रस्ताव एनओसी के लिए दिया गया है. 43 अनापत्ति, 53 लीज और भू-अर्जन तथा 17 जगहों पर थाना व ओपी निर्माण के लिए सरकारी भूमि चिह्नित की गई है. 53 जगहों पर लीज के लिए एक करोड़ रुपये से कम लागत के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि बिहार में 1096 थाने और 264 ओपी हैं. थानों में बनने वाले 660 आगंतुक कक्ष में से अब तक मात्र 34 जगहों पर आगंतुक कक्ष का निर्माण किया गया है. पुलिस मुख्यालय द्वारा गृह विभाग को प्रस्ताव दिया गया कि दंगा जैसे विषयों को दूसरे रूप से नामांकित और वर्गीकरण किया जाए.

यह भी पढ़ें- शादी टूटने के गम में युवक बन बैठा बवाली, फोन हैक करके SP बनकर झाझा SHO को दी गाली

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.