पटना: होली में आंखों का ख्याल रखना बेहद जरूरी (Holi 2023 Eye Care Tips) होता है. पटना की प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ और दृष्टिकुंज आई हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. निम्मी रानी कहती हैं कि होली प्रेम भाईचारे का त्योहार है. ऐसे में एक-दूसरे को जबरदस्ती रंग ना लगाएं. अक्सर देखने को मिलता है कि होली के हुड़दंग में रंग लगाने के क्रम में लोगों की आंखों में रंग या गुलाल चला जाता है. या फिर आंखों में चोट लग जाती है. लिहाजा आंखों को लेकर विशेष सावधानी बरतें. जो लोग चश्मा पहनते हैं, उन्हें रंग लगाने के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि कई बार चश्मा के शीशा से भी आंखों को चोट लग जाती है और चश्मा भी डैमेज हो जाता है.
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रंग चले जाए तो ताजा पानी से आंख धोएं: डॉ. निम्मी रानी ने बताया कि जो रंग और गुलाल होता है, उसमें कई प्रकार के केमिकल होते हैं. ऐसे में यदि यह आंखों में चले जाते हैं तो जरूरी है कि आंखों को मसले नहीं. तुरंत ताजा पानी से आंखों को अच्छी तरह से धोएं. जोर से पानी का छींटा ना मारें. इसके अलावे होली के समय बहुत मेडिकल फैसिलिटी बंद रहती है. ऐसे में तत्काल में नजदीक में संभव है कि कोई दवा दुकान ना मिल पाएं. लिहाजा घरों में कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज (Carboxymethylcellulose) की कंपोजीशन का लुब्रिकेंट रखें और आंखों में अधिक समस्या हो तो, इसका प्रयोग करें.
गुलाब जल की जगह इन दवाई का प्रयोग करें: डॉ निम्मी रानी कहती हैं कि मॉक्सिफ्लाक्सासिन के कंपोजीशन का आई ड्रॉप भी घर पर रखें. यह एंटीबैक्टीरियल होता है और आंखों में आंखों की गंदगी काटने के लिए यह बेहद उपयुक्त होता है. उन्होंने बताया कि एक चिकित्सक होने के नाते वह आंखों में गुलाब जल डालने का सलाह नहीं देंगी, क्योंकि कई बार गुलाब जल आंखों की जलन को और बढ़ा देता है और आंखों के लिए गुलाब जल का कोई मेडिकल एविडेंस पर्याप्त उपलब्ध नहीं है.
"कई बार होली के हुड़दंग में चेहरे पर रंग लगाने के क्रम में आंखों पर चोट आ जाती है. ऐसे में यदि हल्का चोट है तो बर्फ से सिकाई करें. यदि चोट अधिक है तो पानी बरसने आदि किसी चीज का उपयोग ना करें और घर में मौजूद कॉटन कपड़ा से आंख को ढक कर एक पट्टी बांध दें. पट्टी बांधने के बाद अविलंब किसी नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिले, क्योंकि समय रहते अघर आंखों की चोट पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बेहद गंभीर भी हो सकती है और आंखों की रोशनी जाने की भी संभावना रहती है"- डॉ निम्मी रानी, नेत्र रोग विशेषज्ञ