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पंचायत चुनाव की बढ़ सकती है तारीख, HC ने आपसी सहमति से EVM विवाद सुलझाने का दिया निर्देश

हाईकोर्ट ने ईवीएम विवाद को राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग को इस विवाद को आपसी सहमति से निपटाने का निर्देश दिया है. देखें रिपोर्ट

EVM dispute
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Published : Feb 25, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 5:24 PM IST

पटना: राज्य में तकरीबन 2 लाख 90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होना है. राज्य सरकार इस बार चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार ने सहमति दे दी है. साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा तकरीबन 120 करोड़ रुपए ईवीएम खरीद के लिए भी आवंटित कर दिया है. लेकिन भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति नहीं मिलने के कारण मामला लटक गया है. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट के शरण में है. अब कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस मामले को दोनों पक्ष सहमति से सुलझाए.

ये भी पढे़ं: भ्रष्टाचार मुक्त पंचायत चुनाव कराने के लिए CPI ने किया राज्यस्तरीय कन्वेंशन का आयोजन

दस मार्च को आएगा फैसला
पहली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग को इस विवाद को आपसी सहमति से निपटाने का निर्देश दिया है. अगर आपसी सहमति से कोई निर्णय नहीं होता है, तो 10 मार्च को हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एक बार फिर से भारत निर्वाचन आयोग को ईवीएम से मतदान कराने की अनुमति को लेकर पत्र लिख रहा है.

देखें रिपोर्ट

ईवीएम की मिलेगी अनुमति
पत्र में राज्य निर्वाचन आयोग उन सभी सवालों का जवाब देगा, जिसके कारण भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने पर सहमत नहीं है. वहीं अगर ईवीएम से चुनाव नहीं होते हैं तो, राज्य निर्वाचन आयोग किस तरह से पंचायत चुनाव कराएगी ? इस सवाल पर आयोग के अधिकारी कहते हैं, कि वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि उन्हें ईवीएम से चुनाव कराने की अनुमति मिलेगी.

क्या है विवाद
भारत निर्वाचन आयोग का मानना है कि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जो मशीन इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है. उसमें अलग से एसडीएमएम लगाने की बात है. जिस पर आयोग को आपत्ति है. दरसअल ईवीएम मशीन में एसडीएमएम (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल ) डिवाइस होगा. जिसमें तमाम वोटिंग की संख्या जमा होगी. इसके बाद इस डिवाइस को कंट्रोल यूनिट से निकालकर स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाएगा. गिनती के वक्त ईवीएम मशीन को जोड़ वोटों की गिनती की जाएगी.

ये भी पढ़ें: सीतामढ़ी दारोगा हत्याकांड की जांच करने पहुंचे आईजी गणेश कुमार, पूछताछ जारी

नव निर्मित ईवीएम मशीन
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग का कहना है कि पंचायत चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग के पास मौजूद मॉडल -2 ( एम-2) मशीन का प्रयोग किया जाए. लेकिन बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ईसीआईएल ( इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) से नव निर्मित ईवीएम मशीन लेना चाहती है.

आचार संहिता की तारीख बढ़ना तय
देश के कई राज्यों में इससे पहले भी पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन जिनमें एसडीएमएम का इस्तेमाल किया गया है. विवाद को देखते हुए लगने लगा है, कि अब राज्य में पंचायत चुनाव के लिए लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता की तारीख भी बढ़ना तय है. पहले आदर्श आचार संगीता फरवरी में लगने का अनुमान था जो अब मार्च में लगेगा. हालांकि 21 जून तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने का समय निर्धारित है. लेकिन आदर्श आचार संहिता अगर समय पर नहीं लगेगा, तो यह तारीख भी बढ़ सकती है.

ये भी पढ़ें: 'बिहार में मजाक बना शराबबंदी, सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं अवैध धंधा करने वाले'

इस बार चुनाव 9 से 10 चरण में होने की उम्मीद है. अगर आपसी सहमति से दोनों आयोग कुछ निर्णय लेती है, तो कोर्ट को 10 मार्च को फैसला सुनाने की जरूरत नहीं होगी. सहमति नहीं बनने की सूरत में 10 मार्च को हाई कोर्ट क्या फैसला देगी, इसका इंतजार करना होगा.

पटना: राज्य में तकरीबन 2 लाख 90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होना है. राज्य सरकार इस बार चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार ने सहमति दे दी है. साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा तकरीबन 120 करोड़ रुपए ईवीएम खरीद के लिए भी आवंटित कर दिया है. लेकिन भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति नहीं मिलने के कारण मामला लटक गया है. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट के शरण में है. अब कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस मामले को दोनों पक्ष सहमति से सुलझाए.

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दस मार्च को आएगा फैसला
पहली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग को इस विवाद को आपसी सहमति से निपटाने का निर्देश दिया है. अगर आपसी सहमति से कोई निर्णय नहीं होता है, तो 10 मार्च को हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एक बार फिर से भारत निर्वाचन आयोग को ईवीएम से मतदान कराने की अनुमति को लेकर पत्र लिख रहा है.

देखें रिपोर्ट

ईवीएम की मिलेगी अनुमति
पत्र में राज्य निर्वाचन आयोग उन सभी सवालों का जवाब देगा, जिसके कारण भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने पर सहमत नहीं है. वहीं अगर ईवीएम से चुनाव नहीं होते हैं तो, राज्य निर्वाचन आयोग किस तरह से पंचायत चुनाव कराएगी ? इस सवाल पर आयोग के अधिकारी कहते हैं, कि वे पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि उन्हें ईवीएम से चुनाव कराने की अनुमति मिलेगी.

क्या है विवाद
भारत निर्वाचन आयोग का मानना है कि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जो मशीन इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है. उसमें अलग से एसडीएमएम लगाने की बात है. जिस पर आयोग को आपत्ति है. दरसअल ईवीएम मशीन में एसडीएमएम (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल ) डिवाइस होगा. जिसमें तमाम वोटिंग की संख्या जमा होगी. इसके बाद इस डिवाइस को कंट्रोल यूनिट से निकालकर स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाएगा. गिनती के वक्त ईवीएम मशीन को जोड़ वोटों की गिनती की जाएगी.

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नव निर्मित ईवीएम मशीन
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग का कहना है कि पंचायत चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग के पास मौजूद मॉडल -2 ( एम-2) मशीन का प्रयोग किया जाए. लेकिन बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ईसीआईएल ( इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) से नव निर्मित ईवीएम मशीन लेना चाहती है.

आचार संहिता की तारीख बढ़ना तय
देश के कई राज्यों में इससे पहले भी पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन जिनमें एसडीएमएम का इस्तेमाल किया गया है. विवाद को देखते हुए लगने लगा है, कि अब राज्य में पंचायत चुनाव के लिए लागू होने वाली आदर्श आचार संहिता की तारीख भी बढ़ना तय है. पहले आदर्श आचार संगीता फरवरी में लगने का अनुमान था जो अब मार्च में लगेगा. हालांकि 21 जून तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने का समय निर्धारित है. लेकिन आदर्श आचार संहिता अगर समय पर नहीं लगेगा, तो यह तारीख भी बढ़ सकती है.

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इस बार चुनाव 9 से 10 चरण में होने की उम्मीद है. अगर आपसी सहमति से दोनों आयोग कुछ निर्णय लेती है, तो कोर्ट को 10 मार्च को फैसला सुनाने की जरूरत नहीं होगी. सहमति नहीं बनने की सूरत में 10 मार्च को हाई कोर्ट क्या फैसला देगी, इसका इंतजार करना होगा.

Last Updated : Feb 25, 2021, 5:24 PM IST
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