पटना: 20 नवंबर से दीघा रेल सह सड़क पुल पर रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक भारी वाहनों का परिचालन शुरू किया गया है. परिचालन शुरू होते ही रेल प्रशासन ने सरकार को पत्र लिखकर चेताया है और कहा है कि ये पुल भारी वाहनों के परिचालन के लिए नहीं बना है. यदि इस पुल पर भारी वाहनों का परिचालन होगा तो गांधी सेतु की तरह जल्द ये भी जर्जर हो जाएगा.
बता दें कि पुल फाउंडेशन निर्माण के बाद सड़क पुल की बात हुई थी. उसके बाद 4.566 किलोमीटर लंबा और 9.5 मीटर चौड़ा ये पुल बनाया गया. वैसे तो ये पुल डबल लेन है लेकिन पिछली बार जब भारी वाहन का परिचालन हुआ था तो अप्रोच रोड जर्जर हो गया था. इस बार लोकसभा में भी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने ये मामला उठाया है. उन्होंने भी साफ कहा है कि अगर भारी वाहन इस पुल पर चलाये गए तो गांधी सेतु की तरह जर्जर हालत होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
जेपी सेतु पर भारी वाहनों का परिचालन शुरू
राज्य सरकार फिलहाल इस पुल पर 16 चक्के से 20 चक्के तक के ट्रक का परिचालन करा रही है. स्थानीय नागरिकों का भी मानना है कि पिछली बार जब ऐसी व्यवस्था की गई थी तो दीघा के लोग रोड जाम से त्रस्त हो गए थे. इस बार फिलहाल ट्रैफिक ठीक है, लेकिन कभी भी समस्या हो सकती है.
ये भी पढ़ें- विधानमंडल की कार्यवाही में भाग लेने साइकिल से पहुंचे BJP एमएलसी संजय पासवान
कभी भी जर्जर हो सकता है पुल
लगातार जेपी सेतु पर भारी वाहन परिचालन का विरोध हो रहा है. रेलवे के इंजीनियरिंग शाखा के मुख्य अभियंता केडी रल का भी यही कहना है कि यदि भारी वाहनों का परिचालन होता रहा तो बहुत जल्द पुल जर्जर हो जाएगा.