पटना : पटना हाईकोर्ट में गंगा नदी पर बन रहे भागलपुर के सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल ध्वस्त होने के मामलें पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए टल गई है. अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने निर्माण कंपनी एसपी सिंगला को हलफनामा दायर कर अंडरटेकिंग देने को कहा था कि वह अपने खर्च से इस पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगी.
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कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा था हलफनामा : पिछली सुनवाई में विकास कुमार मेहता की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने मांग की थी कि राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी उन्हें दी जाये. उस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद वे अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे. इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना की पूरी जानकारी देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को पुनः दो सप्ताह का समय दिया था.
पिछली सुनवाई में एमडी एसपी सिंगल हुए थे उपस्थित : पिछली सुनवाई में कोर्ट में एसपी सिंगला कंपनी के एमडी एसपी सिंगला उपस्थित थे. इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की थी. उन्होंने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुवानी-सुल्तानगंज निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को 21 जून 2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था.
मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग : इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है. ये पुल 1700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा था. उन्होंने इस याचिका में कहा था कि इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करायें या न्यायिक जांच कराई जाए, जो भी दोषी और जिम्मेदार हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
दोषी से क्षति वसूली की मांग : अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने अपनी जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये. कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एसडी संजय व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही और सरकारी अधिवक्ता विकास कुमार ने पक्ष प्रस्तुत किया. इन मामलों पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी.