पटना: बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की ओर से दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. सुनवाई के बाद पटना हाई कोर्ट ने बिहार में आदिवासी समाज के कल्याण और विकास के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी.
बता दें कि चंपारण के युगल शाह आदिवासी बालिका हॉयर सेकंडरी स्कूल की दयनीय स्थिति को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. इस जनहित याचिका में कहा गया है कि इस क्षेत्र में आदिवासियों की लगभग ढ़ाई लाख की आबादी के बीच यह एकमात्र राजकीय आदिवासी बालिका हॉयर सेकंडरी स्कूल हैं. 29 जुलाई, 2013 को राज्य सरकार ने इस स्कूल को अपने क्षेत्राधिकार में लिया, लेकिन उसके बाद स्कूल की स्थिति लगातार खराब होने लगी. इसमें कुछ क्लास बंद हो गए.
राज्य सकरकार कर रही है कार्रवाई
इसके अलावा बताया गया कि कक्षा 9 और 10 में भी छात्राओं की संख्या कम होने लगी. इन छात्राओं के लिए बने हॉस्टल में भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता था. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष रंजन पांडेय ने कोर्ट को बताया कि स्थिति में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है.