रांची/पटना: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई एक बार फिर टल गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी.
लालू प्रसाद के समर्थकों और परिजनों की नजर होने वाली इस सुनवाई पर टिकी थी. हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
लालू प्रसाद की ओर से अदालत में जवाब पेश कर कहा गया है कि, उन्होंने 42 महीने की अवधि जेल में पूरी कर ली है, उन्हें जो सजा दी गई है, उसकी आधी सजा उन्होंने काट ली है. इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में पूर्व में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा था.
अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने जमानत का विरोध किया था और लालू प्रसाद की ओर से दिए गए जवाब पर अपना जवाब पेश करने के लिए समय मांगा था. अदालत ने समय देते हुए पूर्व में ही 12 फरवरी की तिथि निर्धारित कर दी थी.
लालू यादव दिल्ली एम्स में भर्ती
लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामले, देवघर के एक, चाईबासा के दो और दुमका के मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है, जिसमें 3 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें जमानत मिलते ही वे जेल से रिहा हो जाएंगे. फिलहाल लालू प्रसाद को तबीयत खराब होने के कारण एम्स ले जाया गया है. वहीं उनका इलाज जारी है.
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सुनवाई आज
देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव को साढ़े 3 साल की सजा दी गई थी, जिसमें उन्हें पहले ही बेल दे दिया गया है. चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के दो मामले में उन्हें निचली अदालत से 5 साल की सजा दी गई थी. उस मामले में भी उन्हें जमानत दे दी गई है. अब अंतिम मामला दुमका कोषागार से अवैध निकासी का है. इसमें सीबीआई की निचली अदालत से 7 साल की सजा दी गई है. इसी मामले में जमानत याचिका दायर की गई है.