पटना: बिहार के सभी सरकारी और निजी 27 लॉ कालेजों की संबद्धता के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सभी लॉ कालेजों को निर्देश दिया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष एक सप्ताह में निरीक्षण के लिए आवेदन देंगे.
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बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा इन कालेजों का वर्चुअल या फिजिकल निरीक्षण किया जाएगा. निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया के संबंधित कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. ये कमेटी दी गई रिपोर्ट पर निर्णय लेगी. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ये देखेगी कि इन शिक्षण संस्थानों में विधि शिक्षा-2008 के नियमों का कठोरता से पालन किया जा रहा है या नहीं.
इन लॉ कालेजों को फिर से चालू करने की अस्थाई अनुमति देते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया किसी प्रकार के नियमों में ढील नहीं देगी. पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों में नामांकन पर रोक लगा दिया था. ये जनहित याचिका कुणाल कौशल ने दायर की है.
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पिछली सुनवाई में काउंसिल ऑफ इंडिया ने कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें ये कहा गया कि राज्य में जो लॉ कालेज हैं, उनमें पूरी व्यवस्था नहीं है. योग्य शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों की काफी कमी है.
याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के किसी भी सरकारी और निजी लॉ कालेजों में विधि शिक्षा 2008 के प्रावधानों का पालन नहीं हो रहा है. राज्य में सरकारी और निजी लॉ कालेज 27 हैं, लेकिन कहीं भी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं होने के कारण लॉ की पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट आगे भी सुनवाई करेगा.
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