पटना: बिहार में होने वाली आगामी पंचायत चुनाव में ईवीएम के प्रयोग पर लगा ग्रहण हटने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग पटना हाईकोर्ट की शरण में है. हाई कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वो आपसी सहमति से इस मामले का फैसला कर लें.
ये भी पढ़ें- बंगाल चुनाव पर ईटीवी भारत से बोले गडकरी, जनता चाहती है 'परिवर्तन', हम बदलेंगे तस्वीर
इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर दोनों आयोग के बीच सहमति या समझौता से कोई हल नहीं निकलता है तो 6 अप्रैल को इस मामले पर हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.
भारत निर्वाचन आयोग को मिला 3 हफ्ते का वक्त
इस मामले के बारे में राज्य निर्वाचन आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील संजीव निकेश ने बताया की कोर्ट में भारत निर्वाचन आयोग के वकील की ओर से अपना पक्ष रखा गया. इसे सुनने के बाद हाई कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग को 3 हफ्ते का वक्त दिया है.
क्या है विवाद
बता दें कि पंचायत चुनाव में ईवीएम के प्रयोग को लेकर भारत निर्वाचन आयोग का मानना है कि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जो मशीन इस्तेमाल किए जाने की बात कही जा रही है. उसमें अलग से एसडीएमएम लगाने की बात है. इसी पर आयोग को आपत्ति है. दरसअल पूर्व में राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीन में SDMM (सिक्योर डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल ) डिवाइस के जरिए वोटिंग की संख्या जमा कर सुरक्षित रखने की बात कही थी. इसके बाद इस डिवाइस को कंट्रोल यूनिट से निकालकर स्ट्रांग रूम में जमा कर दिया जाना था. फिर गिनती के वक्त ईवीएम मशीन को जोड़कर वोटों की गिनती की जानी थी. भारत निर्वाचन आयोग को इसी प्रक्रिया पर आपत्ति है.
मतदान के 24 घंटे के अंदर मतगणना
मिली जानकारी के अनुसार अब राज्य निर्वाचन आयोग ने तय किया है कि मतदान के 24 घंटे के भीतर मत गणना करवा लिया जाएगा. इसके बाद एसडीएमएम को सुरक्षित रखा जाएगा. इस निर्णय के बाद शायद भारत निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर सहमति दे दे.
21 जून तक पंचायत चुनाव संपन्न करवाने का लक्ष्य
हालांकि 21 जून तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने का समय निर्धारित है, लेकिन आदर्श आचार संहिता समय पर नहीं लगेगा इस कारण से चुनाव का समय बढ़ना तय माना जा रहा. इस बार चुनाव 9 से 10 चरण में होने की उम्मीद है. अगर आपसी सहमति से दोनों आयोग कुछ निर्णय लेती है तो कोर्ट को 6 अप्रैल को फैसला सुनाने की जरूरत नहीं होगी.