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आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का मामला, PMC को HC ने कार्रवाईयों का हलफनामा दायर करने का दिया निर्देश - sterilization of stray dogs in patna

पटना नगर निगम (PMC) को उच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन मामले में की गयी कार्रवाईयों के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 13, 2023, 6:36 PM IST

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राजधानी के आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य 'संतुलन जीव कल्याण' नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम को की गयी कार्रवाईयों के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने पीपल्स फॉर एनिमल्स एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.

ये भी पढ़ें - आवारा कुत्तों की नसबंदी करेगा निगम, आमजनों को मिलेगी राहत

टेंडर को रद्द करने की मांग : आज पटना नगर निगम के अधिवक्ता प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज टीकाकरण का कार्य संतुलन जीव कल्याण नामक संस्था को दिया गया था. निगम ने 12 अक्टूबर, 2023 को संतुलन जीव कल्याण संस्था के कार्य पर तत्काल रोक लगा दिया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए.

'परियोजना मान्यता नहीं दी गई' : उन्होंने बताया है कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है. पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130/- प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया था.

17 अक्टूबर को अगली सुनवाई : याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2023 को होगी.

पटना : पटना हाइकोर्ट ने राजधानी के आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य 'संतुलन जीव कल्याण' नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम को की गयी कार्रवाईयों के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने पीपल्स फॉर एनिमल्स एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.

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टेंडर को रद्द करने की मांग : आज पटना नगर निगम के अधिवक्ता प्रसून सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रेबीज टीकाकरण का कार्य संतुलन जीव कल्याण नामक संस्था को दिया गया था. निगम ने 12 अक्टूबर, 2023 को संतुलन जीव कल्याण संस्था के कार्य पर तत्काल रोक लगा दिया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है. इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए.

'परियोजना मान्यता नहीं दी गई' : उन्होंने बताया है कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है. पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130/- प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया था.

17 अक्टूबर को अगली सुनवाई : याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है. ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2023 को होगी.

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