पटना: आवेदक की ओर से अधिवक्ता डॉ रमेश कुमार सिंह ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश में प्रतियोगिता परीक्षा में कई स्थानीय भाषा को शामिल किया गया है. उनका कहना था कि यूजीसी और मुख्यमंत्री सचिवालय ने स्नातक एवं स्नातकोत्तर तक के किताबों का अनुवाद अंगिका,मैथिली एवं भोजपुरी में करने का निर्देश जारी किया गया है.
प्रतियोगिता परीक्षा में अंगिका भाषा को शामिल करने का मामला: वहीं पटना हाईकोर्ट ने प्रतियोगिता परीक्षा में अंगिका भाषा को शामिल करने के मामले में राज्य सरकार से जबाब तलब किया है. जस्टिस संदीप कुमार ने अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को 9 जनवरी,2024 तक जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया.
पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से किया जवाब तलब: यही नहीं, बल्कि हाईकोर्ट ने शिक्षक बहाली में बीपीएससी को संगीत विषय को शामिल करने के बारे में निर्णय लेने का आदेश दिया है. उन्होंने विभिन्न स्तर पर होने वाले शिक्षक बहाली में अंगिका को शामिल करने की मांग की है. इस मामले पर अगली सुनवाई 9 जनवरी,2024 को की जाएगी.
ये है स्थिति: बिहार में कई ऐसे जिले हैं जहां अंगिका ,मैथिली और भोजपुरी बोलने वालों की इतनी तादाद है कि वो सियासी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकते हैं. अंगिका ,मैथिली और भोजपुरी बोलेने वालों की भागलपुर, मधुबनी,दरभंगा, भोजपुर, गोपालगंज, बक्सर, रोहतास और पश्चिमि चंपारण जिलों में इनकी तादाद अधिक है. लंबे समय से सभी प्रतियोगिता परीक्षा में अंगिका भाषा को शामिल करने की मांग कर रहे हैं. अब कोर्ट ने इसको लेकर बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
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