पटना: राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित याचिका पर सुनवाई (Hearing on petition related to National Highway) के दौरान गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य (Bridge Construction work on Gandak River) में हो रहे विलंब को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुल निर्माण करने वाली कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को 20 अप्रैल 2022 को तलब किया है.
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गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य में देरी: कोर्ट ने इस बात पर पहले भी नाराजगी जाहिर किया था कि हाजीपुर में आरओबी का निर्माण एक दशक बाद भी पूरा नहीं हुआ. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण कंपनी को छह से सात महीने का समय दिया. साथ ही कहा था कि निर्माण कार्य दोनों ओर हाजीपुर और छपरा से शुरू होना चाहिए. निर्माण कंपनी द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए दस महीने की मोहलत मांगी गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था.
तलब हो सकते हैं एनएचएआई अध्यक्ष: वहीं, आज कोर्ट ने कहा कि कोर्ट अगली सुनवाई में एनएचएआई के अध्यक्ष को तलब किया जा सकता है. पिछली सुनवाई में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वैशाली के डीएम से पूछा कि प्रशासन जाम से जनता को निजात दिलाने के लिए क्या कर रहा है. कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि जनता की मुश्किलों को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की. वैशाली के डीएम ने बताया था कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड नेटवर्क से हटा दिया गया है. साथ ही ये भी बताया कि रामाशीष चौक पर जाम का मुख्य कारण अंजानपीर चौक से आरओबी का नहीं बनना और दोनों साइड सड़कों का खस्ताहाल होना है. इसके साथ ही जगह-जगह मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जाना भी कारण है.
20 अप्रैल को अगली सुनवाई: कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने बताया था कि अजानपीर दोनों ओर की सड़कों को एक माह में मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा कर सड़क को ठीक कर दिया जाएगा. साथ ही अजानपीर के आसपास अनावश्यक स्पीड ब्रेकर को भी हटा दिया जाएगा. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल 2022 को की जाएगी.
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