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गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य में देरी से पटना हाईकोर्ट नाराज, 20 अप्रैल को अगली सुनवाई

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य (Bridge Construction work on Gandak River) में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल 2022 को की जाएगी.

गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य में देरी
गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य में देरी
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Published : Apr 18, 2022, 6:19 PM IST

पटना: राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित याचिका पर सुनवाई (Hearing on petition related to National Highway) के दौरान गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य (Bridge Construction work on Gandak River) में हो रहे विलंब को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुल निर्माण करने वाली कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को 20 अप्रैल 2022 को तलब किया है.

ये भी पढ़ें: Patna High Court ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में कोताही बरतने पर जताई नाराजगी, अभियंता प्रमुख तलब

गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य में देरी: कोर्ट ने इस बात पर पहले भी नाराजगी जाहिर किया था कि हाजीपुर में आरओबी का निर्माण एक दशक बाद भी पूरा नहीं हुआ. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण कंपनी को छह से सात महीने का समय दिया. साथ ही कहा था कि निर्माण कार्य दोनों ओर हाजीपुर और छपरा से शुरू होना चाहिए. निर्माण कंपनी द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए दस महीने की मोहलत मांगी गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था.

तलब हो सकते हैं एनएचएआई अध्यक्ष: वहीं, आज कोर्ट ने कहा कि कोर्ट अगली सुनवाई में एनएचएआई के अध्यक्ष को तलब किया जा सकता है. पिछली सुनवाई में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वैशाली के डीएम से पूछा कि प्रशासन जाम से जनता को निजात दिलाने के लिए क्या कर रहा है. कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि जनता की मुश्किलों को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की. वैशाली के डीएम ने बताया था कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड नेटवर्क से हटा दिया गया है. साथ ही ये भी बताया कि रामाशीष चौक पर जाम का मुख्य कारण अंजानपीर चौक से आरओबी का नहीं बनना और दोनों साइड सड़कों का खस्ताहाल होना है. इसके साथ ही जगह-जगह मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जाना भी कारण है.

20 अप्रैल को अगली सुनवाई: कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने बताया था कि अजानपीर दोनों ओर की सड़कों को एक माह में मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा कर सड़क को ठीक कर दिया जाएगा. साथ ही अजानपीर के आसपास अनावश्यक स्पीड ब्रेकर को भी हटा दिया जाएगा. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल 2022 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें: तालाब बनाने के लिए अधिग्रहित जमीन पर हुए अतिक्रमण पर सुनवाई, कोर्ट ने कहा- 'अधिकारी और अतिक्रमणकारियों की मिलीभगत'

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पटना: राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित याचिका पर सुनवाई (Hearing on petition related to National Highway) के दौरान गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य (Bridge Construction work on Gandak River) में हो रहे विलंब को पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुल निर्माण करने वाली कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को 20 अप्रैल 2022 को तलब किया है.

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गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य में देरी: कोर्ट ने इस बात पर पहले भी नाराजगी जाहिर किया था कि हाजीपुर में आरओबी का निर्माण एक दशक बाद भी पूरा नहीं हुआ. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण कंपनी को छह से सात महीने का समय दिया. साथ ही कहा था कि निर्माण कार्य दोनों ओर हाजीपुर और छपरा से शुरू होना चाहिए. निर्माण कंपनी द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए दस महीने की मोहलत मांगी गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था.

तलब हो सकते हैं एनएचएआई अध्यक्ष: वहीं, आज कोर्ट ने कहा कि कोर्ट अगली सुनवाई में एनएचएआई के अध्यक्ष को तलब किया जा सकता है. पिछली सुनवाई में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वैशाली के डीएम से पूछा कि प्रशासन जाम से जनता को निजात दिलाने के लिए क्या कर रहा है. कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि जनता की मुश्किलों को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की. वैशाली के डीएम ने बताया था कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड नेटवर्क से हटा दिया गया है. साथ ही ये भी बताया कि रामाशीष चौक पर जाम का मुख्य कारण अंजानपीर चौक से आरओबी का नहीं बनना और दोनों साइड सड़कों का खस्ताहाल होना है. इसके साथ ही जगह-जगह मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जाना भी कारण है.

20 अप्रैल को अगली सुनवाई: कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने बताया था कि अजानपीर दोनों ओर की सड़कों को एक माह में मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा कर सड़क को ठीक कर दिया जाएगा. साथ ही अजानपीर के आसपास अनावश्यक स्पीड ब्रेकर को भी हटा दिया जाएगा. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल 2022 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें: तालाब बनाने के लिए अधिग्रहित जमीन पर हुए अतिक्रमण पर सुनवाई, कोर्ट ने कहा- 'अधिकारी और अतिक्रमणकारियों की मिलीभगत'

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