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Patna High Court: हाईकोर्ट ने BPSC से औषधि निरीक्षक नियुक्ति के विज्ञापन मामले पर मांगा जवाब

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Published : May 12, 2023, 8:49 PM IST

हाईकोर्ट में बीपीएससी की ओर से निकाली गई औषधि निरीक्षक की नियुक्ति के विज्ञापन में अनुभव संबंधी प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई और बीपीएससी को इस पर जवाब देने का निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर..

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पटनाः पटना हाईकोर्ट ने चंदन कुमार यादव द्वारा औषधि निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी की ओर से जारी विज्ञापन में अनुभव संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन में अनुभव से जुड़ा प्रावधान अनिवार्य योग्यता नहीं है. इसके लिए सरकार द्वारा वर्ष 2014 मे नियमावली बनाई गई थी,जिसमें औषधि एवं प्रसाधन नियमावली 1945 के नियम 49 मे प्रावधानित शैक्षणिक अर्हता को लागू करने की बात कही गई थी, न कि अनुभव को.

ये भी पढ़ेंः 64th BPSC: पटना हाईकोर्ट का BPSC को आदेश, 3 हफ्ते के अंदर पेश करें उत्तर पुस्तिकाओं की सूची

इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक मामले का दिया संदर्भः वहीं दूसरी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फुल बेंच ने कुलदीप सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में यह तय किया है कि औषधि एवं प्रसाधन नियमावली 1945 की पारा 49 के अनुसार ये अनुभव औषधि निरीक्षक के पद हेतु अनिवार्य योग्यता नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार किए जाने का निर्देश दिया गया. परीक्षा 20 जून,2023 से होनी है. कोर्ट ने बीपीएससी को जवाब देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 19 जून,2023 को होगी.

64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा मामले पर भी हुई थी सुनवाईः अभी पिछले हफ्ते ही हाईकोर्ट ने 64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं में तथाकथित अंकों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों का संज्ञान लिया था और बीपीएससी को तीन हफ्ते में ऐसी उत्तरपुस्तिकाओं की सूची कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. इस मामले में भी जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने ही सुनवाई की थी. इस मामले में संगीता कुमारी ने रिट याचिका दायर की थी.

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने चंदन कुमार यादव द्वारा औषधि निरीक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी की ओर से जारी विज्ञापन में अनुभव संबंधी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन में अनुभव से जुड़ा प्रावधान अनिवार्य योग्यता नहीं है. इसके लिए सरकार द्वारा वर्ष 2014 मे नियमावली बनाई गई थी,जिसमें औषधि एवं प्रसाधन नियमावली 1945 के नियम 49 मे प्रावधानित शैक्षणिक अर्हता को लागू करने की बात कही गई थी, न कि अनुभव को.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक मामले का दिया संदर्भः वहीं दूसरी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फुल बेंच ने कुलदीप सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में यह तय किया है कि औषधि एवं प्रसाधन नियमावली 1945 की पारा 49 के अनुसार ये अनुभव औषधि निरीक्षक के पद हेतु अनिवार्य योग्यता नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार किए जाने का निर्देश दिया गया. परीक्षा 20 जून,2023 से होनी है. कोर्ट ने बीपीएससी को जवाब देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 19 जून,2023 को होगी.

64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा मामले पर भी हुई थी सुनवाईः अभी पिछले हफ्ते ही हाईकोर्ट ने 64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं में तथाकथित अंकों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों का संज्ञान लिया था और बीपीएससी को तीन हफ्ते में ऐसी उत्तरपुस्तिकाओं की सूची कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. इस मामले में भी जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने ही सुनवाई की थी. इस मामले में संगीता कुमारी ने रिट याचिका दायर की थी.

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