पटना: बिहार में 3270 आयुष डॉक्टरों की बहाली के लिए अधिकतम उम्र सीमा में दी जाने वाली छूट देने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (Hearing in Patna High Court)हुई. अरुण कुमार मिश्र और अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस पी बी बजन्थरी (Justice P B Bajanthary) ने सुनवाई करते हुए बिहार राज्य तकनीकी सेवा आयोग से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने आयुर्वेदिक कैटेगरी के 15 डॉक्टरों की सीट को खाली रखने का आदेश देते हुए नियुक्ति पत्र जारी करने पर भी रोक लगा दिया है.
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता चक्रपाणि ने बताया कि, साल 2020 में प्रकाशित इस बहाली के विज्ञापन में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि अधिकतम उम्र सीमा में छूट देने के लिए शर्तें सामान्य प्रशासन विभाग से जारी वर्ष 2006 के परिपत्र के आलोक में होगी. इस परिपत्र के अनुसार यदि किसी प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से बहाली प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष नहीं होती है तो संबंधित बहाली के अंतिम विज्ञापन प्रकाशन की तिथि से लेकर वर्तमान वर्ष के प्रकाशित विज्ञापन के बीच जितने वर्ष का अंतर होता है. उतने ही वर्ष की छूट अधिकतम उम्र सीमा में देनी होगी.
वहीं, अधिवक्ता चक्रपाणि ने कोर्ट को बताया कि यूनानी, होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की अंतिम बहाली हेतु विज्ञापन साल 1990, 1995 और 1997 में जारी किया गया था. इन तीनों संकायों के आयुष डॉक्टरों की अधिकतम उम्र सीमा में 30, 25 और 23 वर्षों की छूट मिलनी चाहिए. जबकि विज्ञापन में संविदा पर बहाल आयुष डॉक्टरों को मात्र 16 वर्षों की ही अधिकतम उम्र में छूट दी गयी है. जो कि मनमानापन और विज्ञापन के आधार जो सरकारी परिपत्र है उसमें विरोधाभास है. इस मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.
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