पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर मांस-मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम को विस्तृत जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है. पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने कोर्ट को बताया कि आधुनिक बूचड़खाने के निर्माण और विकास के लिए जगहों को चिन्हित किया गया है. निविदा की कार्रवाई की जा रही है. पटना नगर निगम ने पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट से 3 सप्ताह की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया.
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मांस-मछली बेचने पर पाबंदी मामले में सुनवाई: ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है. अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट को बताया कि पटना समेत प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के उलट जाकर मांस-मछली काटे और बेचे जाते हैं. उन्होंने कहा कि इससे जहां आम आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैं, वहीं खुले में इस तरह से जानवरों के काटे जाने से छोटे लड़कों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
कोर्ट से नगर निगम ने मांगी तीन सप्ताह की मोहलत: याचिकाकर्ता के वकील अंकिता कुमारी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचड़खानों को तत्काल बंद कराया जाना चाहिए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पटना के राजा बाजार, पाटलिपुत्रा, राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड, कुर्जी, दीघा, गोला रोड, कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस-मछ्ली की बिक्री होती है.
तीन सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई: वकील अंकिता कुमारी ने कोर्ट को जानकारी दी कि अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र के ही जानवरों को मारकर इनका मांस बेचा जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस-मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए, ताकि मांस-मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले. साथ ही जनता को भी हेल्दी और प्रदूषण मुक्त मांस-मछली मिल सके. इस मामलें में अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.