पटना : पटना हाईकोर्ट में भागलपुर के पास अगुवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामले पर सुनवाई 13 सितम्बर 2023 को होगी. अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की जनहित याचिकायों पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.
ये भी पढ़ें - Bihar Bridge Collapse : बिहार में बहता पुल, उठते सवाल- क्या है SP सिंगला का पूरा इतिहास?
पटना हाईकोर्ट में अगुवानी पुल का मामला : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने निर्माण कंपनी एस पी सिंगला को हलफनामा दायर कर अंडरटेकिंग देने को कहा था कि वह अपने खर्च से इस पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगा. विकास कुमार मेहता की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने कहा था कि राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी उन्हें दी जाये. उस रिपोर्ट की कॉपी का अध्ययन करने के बाद वे अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे.
एस पी सिंगला हुए थे उपस्थित : इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना की पूरी जानकारी देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को पुनः दो सप्ताह का समय दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट में एस पी सिंगला कंपनी के एम डी एस पी सिंगला उपस्थित थे.
कोर्ट ने पुल ध्वस्त होने के मामले को गंभीरता से लिया : इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की थी. उन्होंने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुवानी-सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एम डी को 21 जून 2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था.
1700 करोड़ की लागत से बन रहा पुल : इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर किया था. उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है. ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था. उन्होंने इस याचिका में कहा था कि इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये. जो भी दोषी और जिम्मेदार है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
13 सितम्बर को होगी अगली सुनवाई : उन्होंने अपने जनहित याचिका में ये मांग की थी कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये. कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही और सरकारी अधिवक्ता अमीश कुमार ने पक्ष प्रस्तुत किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 13 सितम्बर 2023 को की जाएगी.