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कोरोना की तीसरी लहर के लिए बिहार तैयार, SNCU में 10 फीसदी बेड बढ़ाये गये, स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

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Published : Aug 25, 2021, 8:06 PM IST

बिहार का स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों की विशेष देखभाल प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. स्वास्थ्य मंत्री का दावा है कि एसएनसीयू के बेडों में वृद्धि के साथ ही डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री

पटना: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) बच्चों के लिए खतरनाक (Dangerous for Children) साबित हो सकती है. जिसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) तैयारी में जुट गया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों की विशेष देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. राज्य के 35 जिलों और 8 मेडिकल कॉलेजों में विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) में 10 फीसदी बेड कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए सुरक्षित किए गए हैं.

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उन्होंने कहा कि बेडों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सभी बेडों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गयी है. राज्य के 11 जिलों में सभी मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में निर्मित पीकू वार्ड (नवजात गहन देखभाल इकाई) भी नवजातों को आपातकालीन इलाज मुहैया कराने में सक्षम हैं. पीकू वार्ड बच्चों को संक्रमण से निजात दिलाने में कारगर होंगे. सामुदायिक स्तर पर कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आशा, आशा फैसिलेटर, एएनएम, आरबीएसके टीम, बीएचएम एवं बीसीएम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र नई दिल्ली के द्वारा प्रशिक्षत किया जा रहा है. यह प्रशिक्षण 27 अगस्त तक पूर्ण हो जाएगा.

राज्य के 11 जिलों में पीकू वार्ड का संचालन हो रहा है. जिसमें औरंगाबाद, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, सारण, सिवान और वैशाली जिला शामिल है. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में भी पीकू वार्ड क्रियाशील हैं. जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड नहीं हैं, वहां नए वार्ड बनाये जा रहे हैं. अस्पतालों में बेड के साथ आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी बढ़ायी जाएगी.

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमित बच्चों को उच्चस्तरीय चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विशेषज्ञों को नई दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है. जिलों में पदस्थापित दो शिशु रोग विशेषज्ञ, 6 मेडिकल ऑफिसर और 12 स्टाफ नर्स को अस्पताल प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है. यह प्रशिक्षण एम्स पटना की ओर से दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए तैयारी पूरी कर ली है.

पटना: स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) बच्चों के लिए खतरनाक (Dangerous for Children) साबित हो सकती है. जिसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) तैयारी में जुट गया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों की विशेष देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. राज्य के 35 जिलों और 8 मेडिकल कॉलेजों में विशेष नवजात देखभाल इकाई (SNCU) में 10 फीसदी बेड कोरोना संक्रमित बच्चों की देखभाल के लिए सुरक्षित किए गए हैं.

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उन्होंने कहा कि बेडों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सभी बेडों पर ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गयी है. राज्य के 11 जिलों में सभी मेडिकल कॉलेज सह अस्पतालों में निर्मित पीकू वार्ड (नवजात गहन देखभाल इकाई) भी नवजातों को आपातकालीन इलाज मुहैया कराने में सक्षम हैं. पीकू वार्ड बच्चों को संक्रमण से निजात दिलाने में कारगर होंगे. सामुदायिक स्तर पर कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए आशा, आशा फैसिलेटर, एएनएम, आरबीएसके टीम, बीएचएम एवं बीसीएम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र नई दिल्ली के द्वारा प्रशिक्षत किया जा रहा है. यह प्रशिक्षण 27 अगस्त तक पूर्ण हो जाएगा.

राज्य के 11 जिलों में पीकू वार्ड का संचालन हो रहा है. जिसमें औरंगाबाद, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, समस्तीपुर, सारण, सिवान और वैशाली जिला शामिल है. इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में भी पीकू वार्ड क्रियाशील हैं. जिन अस्पतालों में बच्चों के लिए वार्ड नहीं हैं, वहां नए वार्ड बनाये जा रहे हैं. अस्पतालों में बेड के साथ आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी बढ़ायी जाएगी.

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमित बच्चों को उच्चस्तरीय चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य के मेडिकल कॉलेजों के शिशु रोग विशेषज्ञों को नई दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया है. जिलों में पदस्थापित दो शिशु रोग विशेषज्ञ, 6 मेडिकल ऑफिसर और 12 स्टाफ नर्स को अस्पताल प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है. यह प्रशिक्षण एम्स पटना की ओर से दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए तैयारी पूरी कर ली है.

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